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Kargil Vijay Diwas 2020: भारतीय सेना के जांबाजों ने आज ही के दिन पाकिस्तान को टिका दिए थे घुटने, फहरा दिया था पहाड़ी पर तिरंगा

By रामदीप मिश्रा | Updated: July 26, 2020 10:07 IST

Kargil Vijay Diwas: साल 1998-99 की सर्दियों में पाकिस्तानी सेना आतंकवादियों की मिलीभगत से नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार कर कारगिल क्षेत्र में भारतीय सीमा में घुस आई थी। सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण कारगिल पहाड़ियों पर उन्होंने बेहद सर्दी के दिनों में ही कब्जा जमा लिया था।

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ठळक मुद्देदेशभर में आज 21वां कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) मनाया जा रहा है। 26 जुलाई 1999 के दिन भारतीय सेना ने कारगिल युद्ध में जीत हासिल की थी।

नई दिल्लीः देशभर में आज 21वां कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) मनाया जा रहा है। आज ही के दिन यानि 26 जुलाई 1999 के दिन भारतीय सेना ने कारगिल युद्ध के दौरान चलाए गए 'ऑपरेशन विजय' को सफलतापूर्वक अंजाम देकर भारत भूमि को पाकिस्तानी घुसपैठियों के चंगुल से मुक्त कराया था। भारतीय सेना ने पाकिस्तान (Pakistan) को चौथी बार घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। वह सिर्फ धूल चाटकर रह गया था।    

साल 1998-99 की सर्दियों में पाकिस्तानी सेना आतंकवादियों की मिलीभगत से नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार कर कारगिल क्षेत्र में भारतीय सीमा में घुस आई थी। सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण कारगिल पहाड़ियों पर उन्होंने बेहद सर्दी के दिनों में ही कब्जा जमा लिया था। उन्होंने घुसपैठ को ऑपरेशन बद्र नाम दिया था। 

कारगिल में 527 भारतीय जवान हुए थे शहीद 

साल 1999 की गर्मियों की शुरुआत में जब सेना को पता चला तो उसने पाकिस्ता के खिलाफ ऑपरेशन विजय चलाया। करीब 18 हजार फीट की ऊंचाई पर कारगिल में लड़ी गई इस जंग में 527 भारतीय जवान शहीद हुए, जबकि 1363 घायल हुए। यह सैन्‍य ऑपरेशन आठ मई को शुरू हुआ और 26 जुलाई को खत्म हुआ था। 11 मई से इस युद्ध में भारतीय वायुसेना भी शामिल हो गई थी, वायुसेना के लड़ाकू विमान मिराज, मिग-21, मिग 27 और हेलीकॉप्टर ने पाकिस्तानी घुसपैठियों की कमर तोड़कर रख दी थी। कारगिल युद्ध में पाकिस्तान के 357 से 453 लोगों की जान चली गई थी। इस युद्ध में भारत को दो इंडियन फाइटर जेट भी नष्ट हो गये थे।

परवेज मुशर्रफ ने रची थी साजिश

करीब दो महीने तक चले युद्ध के बाद आधिकारिक तौर पर 26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने कारगिल पर दोबारा नियंत्रण हासिल कर लिया था। यह चौथा मौका था जब भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध जीता था। दोनों पड़ोसी देश 1948, 1965 और 1971 में आपस में युद्ध कर चुके हैं। कहा जाता है कि पाकिस्तान के तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ ने तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को बताए बिना कारगिल पर कब्जे की योजना को अंजाम दिलवाया था। 

चार जवानों को दिया गया परमवीर चक्र

कारगिल युद्ध में वीरता दिखाने के लिए ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव (18 ग्रेनेडियर), लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पाण्डेय (1/11 गोरखा राइफल, मरणोपरांत), कैप्टन विक्रम बत्रा (13 जेएके राइफल्स, मरणोपरांत), राइफलमैन संजय कुमार (13 जेएके राइफल्स) को परमवीर चक्र दिया गया था। इस युद्ध में भारतीय सेना के आठ जवानों और अफसरों को महावीर चक्र और 51 को वीर चक्र दिए गया।

टॅग्स :कारगिल विजय दिवसपाकिस्तानजम्मू कश्मीर
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