Kargil Vijay Diwas 2019: भारत ने चौथी बार युद्ध में पाकिस्तान को चटाई थी धूल, 4 जवानों को मिला था परमवीर चक्र
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 26, 2019 18:20 IST2019-07-26T18:19:28+5:302019-07-26T18:20:12+5:30
भारत ने चौथी बार पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध जीता। दोनों पड़ोसी देश 1948, 1965 और 1971 में आपस में युद्ध कर चुके हैं। पाकिस्तान को हर युद्ध में हार का सामना करना पड़ा है लेकिन वो अपनी हरकतों से बाज नहीं आता।

Kargil Vijay Diwas 2019: भारत ने चौथी बार युद्ध में पाकिस्तान को चटाई थी धूल, 4 जवानों को मिला था परमवीर चक्र
देशन भर में आज यानी 26 जुलाई को कारगिल दिवस मनाई जाती है। जम्मू-कश्मीर के कारगिल जिले में स्थित पहाड़ी इलाके में मई 1999 में पाकिस्तानी सेना ने कब्जा कर लिया था। करीब दो महीने तक चले युद्ध के बाद आधिकारिक तौर पर 26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने कारगिल पर दोबारा नियंत्रण हासिल करने की घोषणा की।
भारत ने चौथी बार पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध जीता। दोनों पड़ोसी देश 1948, 1965 और 1971 में आपस में युद्ध कर चुके हैं। पाकिस्तान को हर युद्ध में हार का सामना करना पड़ा है लेकिन वो अपनी हरकतों से बाज नहीं आता।
नवाज शरीफ ने बनाई थी योजना
माना जाता है कि पाकिस्तान के तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ ने तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को बताए बिना कारगिल पर कब्जे की योजना को अंजाम दिलवाया था। इसी साल नवाज शरीफ ने एक इंटरव्यू में कारगिल की तरफ इशारा करते हुए कहा कि इसे पाकिस्तानी सेना ने अंजाम दिलवाया था।
कारगिल में पाकिस्तानी सेना ऊंचाई वाले ठिकानों पर कब्जा कर चुकी थी जिसकी वजह से भारतीय सैनिकों की स्थित कमजोर थी। लेकिन भारतीय सेना की बहादुरी से आखिरकार पाकिस्तान को मुँह की खानी पड़ी। पाकिस्तानी सेना के नियंत्रण रेखा के पीछे जाने के बाद भारत ने अपनी सभी चौकियों को आजाद कराया था। कारगिल में विदेशी घुसपैठियों के दिखने की खबर स्थानीय गड़ेरियों ने दी थी।
कारगिल युद्ध में 527 सैनिक शहीद हुए थे। वहीं पाकिस्तान के 357 से 453 लोगों की जान चली गयी थी। इस युद्ध में भारत को दो इंडियन फाइटर जेट भी नष्ट हो गये थे।
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन से हस्तक्षेप करने की माँग की थी लेकिन क्लिंटन ने मदद नहीं की।
कारगिल युद्ध में वीरता दिखाने के लिए ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव (18 ग्रेनेडियर), लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पाण्डेय (1/11 गोरखा राइफल, मरणोपरांत), कैप्टन विक्रम बत्रा (13 जेएके राइफल्स, मरणोपरांत), राइफलमैन संजय कुमार (13 जेएके राइफल्स) को परमवीर चक्र दिया गया था। कारगिल युद्ध में वीरता दिखाने के लिए भारतीय सेा के आठ जवानों और अफसरों को महावीर चक्र और 51 को वीर चक्र दिये गये।