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कपिल सिब्बल ने पीएम मोदी और अमित शाह के CAA को लेकर गिनाए 9 झूठ, खुली बहस करने की दी चुनौती

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: January 22, 2020 08:25 IST

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा, गृह मंत्री ने कहा कि राहुल जी और अखिलेश जी उनके साथ बहस करें. मैं चुनौती देता हूं कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री मेरे साथ बहस करें. समय और जगह का चुनाव वो कर सकते हैं.

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ठळक मुद्देसिब्बल ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री पर सीएए, एनआरसी और एनपीआर के संदर्भ में नौ झूठ बोलने का आरोप लगाया.पहला झूठ यह कि यह कानून भेदभावपूर्ण नहीं है. लगता है कि इन्होंने नागरिकता कानून नहीं पढ़ा है- सिब्बल

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने गृह मंत्री अमित शाह के एक बयान पर पलटवार करते हुए आज कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शाह को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) पर बहस की चुनौती देते हैं. दरअसल, शाह ने लखनऊ की एक सभा में कहा कि वह राहुल गांधी, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी और मायावती को सीएए पर बहस की चुनौती देते हैं.

उन्होंने कहा,''गृह मंत्री ने कहा कि राहुल जी और अखिलेश जी उनके साथ बहस करें. मैं चुनौती देता हूं कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री मेरे साथ बहस करें. समय और जगह का चुनाव वो कर सकते हैं.'' सिब्बल ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री पर सीएए, एनआरसी और एनपीआर के संदर्भ में नौ झूठ बोलने का आरोप लगाया और सवाल किया कि देश की जनता इन पर कैसे विश्वास करेगी.

सिब्बल ने आरोप लगाया, ''प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के सीएए को लेकर नौ झूठ सामने रख रहा हूं. पहला झूठ यह कि यह कानून भेदभावपूर्ण नहीं है. लगता है कि इन्होंने नागरिकता कानून नहीं पढ़ा है. पहली बार हमारे देश मे नागरिकता धर्म के आधार पर दी जा रही है.''

उन्होंने कहा, '' दूसरा झूठ है कि सीएए का एनआरसी से कोई ताल्लुक नहीं है. अमित शाह ने कहा कि पहले यह कानून आएगा और फिर एनआरसी लाया जाएगा.''

सिब्बल ने दावा किया, ''तीसरा झूठ यह है कि मोदी ने कहा कि एनआरसी पर कोई चर्चा नहीं हुई, जबकि राष्ट्रपति के अभिभाषण में कहा गया है कि एनआरसी लागू की जाएगी. चौथा झूठ यह कि एनआरसी प्रक्रिया अधिसूचित नहीं है, जबकि यह प्रावधान पहले ही 2003 के कानून में है.''

उन्होंने कहा, ''पांचवां झूठ यह कि एनआरसी की प्रक्रिया आरंभ नहीं हुई है. जबकि सरकार ने पिछले साल कहा कि एनपीआर के तहत एनआरसी के लिए डेटा एकत्र किए जाएंगे. छठा झूठ यह है कि एनपीआर का एनआरसी से कोई संबंध नहीं है, जबकि गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि एनपीआर एनआरसी का पहला कदम है. एनपीआर के बिना एनआरसी नहीं हो सकता.''

कांग्रेस नेता ने कहा, '' सातवां झूठ यह कि किसी भी भारतीय को डरने की जरूरत नहीं है. असम की एनआरसी से पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के परिवार का नाम गायब है. कारगिल में भाग लेने वाले सैनिक सनाउल्लाह का नाम भी एनआरसी में नहीं आएगा.'' उन्होंने कहा कि गरीब अपनी नागरिकता कैसे साबित करेंगे, क्योंकि उनके पास कागजात नहीं है.

सिब्बल ने कहा, ''आठवां झूठ यह कि प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई डिटेंशन सेंटर नहीं है, जबकि हकीकत यह है कि छह डिटेंशन सेंटर पहले से मौजूद हैं. प्रधानमंत्री और गृह मंत्री पर लोग कैसे विश्वास करेंगे?'' उन्होंने कहा, '' नौवां झूठ यह कि प्रदर्शनकारियों पर कोई बल प्रयोग नहीं हुआ, जबकि उत्तरप्रदेश में 28 लोग मारे गए. यह कैसे हुआ?''

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