मथुरा: हुलवाना गांव में शहीद को पूरे सैन्य सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई

By भाषा | Published: August 4, 2019 05:49 AM2019-08-04T05:49:24+5:302019-08-04T05:51:48+5:30

कोसीकलां से हुलवाना गांव तक ‘भारत माता की जय’ के नारे गूंज रहे थे। युवा हाथों में तिरंगा लेकर शहीद के पार्थिव शरीर के आने का इंतजार कर रहे थे। जैसे ही शहीद रामवीर का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा, भारत माता के जयकारे और जब तब सूरज चांद रहेगा, तब तब रामवीर का नाम रहेगा, जैसे नारे गूंजने लगे।

कोसीकलां से हुलवाना गांव तक ‘भारत माता की जय’ के नारे गूंज रहे थे। युवा हाथों में तिरंगा लेकर शहीद के पार्थिव शरीर के आने का इंतजार कर रहे थे। जैसे ही शहीद रामवीर का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा, भारत माता के जयकारे और जब तब सूरज चांद रहेगा, तब तब रामवीर का न | मथुरा: हुलवाना गांव में शहीद को पूरे सैन्य सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई

शहीद रामवीर सिंह बेनीवाल की फाइल फोटो। (Image Source: facebook/भुरा राम चौधरी साजँटा)

मथुरा, जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए 8-जाट रेजिमेंट के जवान रामवीर सिंह बेनीवाल का अंतिम संस्कार शनिवार को यहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया। शहीद के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन करने के लिए हजारों की संख्या में लोग जुटे थे। सुबह से ही गांव हुलवाना में लोगों के आने का सिलसिला जारी था।

कोसीकलां से हुलवाना गांव तक ‘भारत माता की जय’ के नारे गूंज रहे थे। युवा हाथों में तिरंगा लेकर शहीद के पार्थिव शरीर के आने का इंतजार कर रहे थे। जैसे ही शहीद रामवीर का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा, भारत माता के जयकारे और जब तब सूरज चांद रहेगा, तब तब रामवीर का नाम रहेगा, जैसे नारे गूंजने लगे। तिरंगे में लिपटे शहीद रामवीर सिंह को देखकर मां कृष्णा और पत्नी नीतू का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।

रामवीर का पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ उसका अंतिम संस्कार किया गया। रामवीर सिंह की शादी वर्ष 2012 में छाता निवासी नीतू के साथ हुई थी। इनके दो बच्चे हैं। बड़ा बेटा शिवा तीन साल का है और छोटा आदित्य अभी छह माह का है।

पिता किशोर सिंह के भी आंसू नहीं थम रहे हैं। वे बता रहे थे शहादत से एक दिन पहले ही फोन कर बताया था कि उसने 15 दिन की छुट्टी मांगी है और मंजूर होते ही जल्द घर आऊंगा। पिता किशोर सिंह ने बताया, ‘‘बड़ा खुश था। कह रहा था कि छुट्टी में घूमने भी चलेंगे। लेकिन कौन जानता था कि उसके आने से पहले शहादत की खबर आ जाएगी। एक दिन बाद ही शुक्रवार की सुबह पता चला कि उनका बेटा शहीद हो गया है।’’ 

Web Title: कोसीकलां से हुलवाना गांव तक ‘भारत माता की जय’ के नारे गूंज रहे थे। युवा हाथों में तिरंगा लेकर शहीद के पार्थिव शरीर के आने का इंतजार कर रहे थे। जैसे ही शहीद रामवीर का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा, भारत माता के जयकारे और जब तब सूरज चांद रहेगा, तब तब रामवीर का न

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