कमलेश तिवारी हत्याकांडः सीएम योगी ने कहा-दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा, इस तरह की घटना अस्वीकार्य हैं, तीन अरेस्ट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 19, 2019 04:46 PM2019-10-19T16:46:06+5:302019-10-19T16:46:06+5:30
डीजीपी ने साफ किया कि हिरासत में लिये गये तीनों संदिग्धों के किसी आतंकवादी संगठन से संबंध का अब तक पता नहीं चला है। उन्होंने बताया कि पकड़े गए तीन संदिग्ध मौलाना मोहसिन शेख सलीम (24), फैजान (30) और खुर्शीद अहमद पठान (30) सूरत के रहने वाले हैं।
कमलेश तिवारी हत्याकांड मामले में राजनीति गर्म है। उत्तर प्रदेश में सरकारी अमला बैचेन है। गुरुवार को लखनऊ में हिन्दू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की हत्या कर दी गई।
हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की सरेआम हत्याकांड मामले में फिर से एक नया मोड़ आ गया है। शनिवार (19 अक्टूबर) को कमलेश तिवारी की मां ने स्थानीय बीजेपी पर हत्या का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेता शिव कुमार गुप्ता ने मेरे बेटे की हत्यी की साजिश रची।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मुद्दे पर एक्शन मूड में है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना अस्वीकार्य हैं। इसमें शामिल लोगों को छोड़ा नहीं जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कमलेश तिवारी का परिवार उनसे मिलना चाहेगा तो वह उनसे मुलाकात करेंगे।
सीएम योगी ने कहा कि वह सभी से मिलते हैं और परिवार से मुलाकात करने में उन्हें कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि एसआईटी को इस केस की जांच सौंपी गई है। सीएम ने आगे कहा, "मैं भी इस केस के बारे में पूरा अपडेट लूंगा। इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। इस मामले में दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा।"
#WATCH UP Chief Minister Yogi Adityanath on Kamlesh Tiwari murder case: He was the President of Hindu Samaj Party. The assailants came to his house in Lucknow yesterday, sat&had tea with him, and later killed him after sending all security guards out to buy something from market. pic.twitter.com/kkbFnms17T
— ANI UP (@ANINewsUP) October 19, 2019
हिन्दू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की हत्या के मामले की जांच कर रही उप्र पुलिस गुजरात पुलिस के सहयोग से तीन लोगों को सूरत से हिरासत में ले कर उनसे पूछताछ कर रही है । पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने शनिवार की सुबह संवाददाता सम्मेलन में बताया कि तिवारी के परिजनों द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी में उप्र के बिजनौर निवासी अनवारूल हक और नईम काजमी के नाम हैं तथा उन्हें भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
सिंह ने कहा कि सूचनाएं और सुराग मिलने के बाद शुक्रवार को ही छोटी-छोटी टीमें गठित की गई थी। जांच में इस मामले के तार गुजरात से जुड़े होने का संकेत मिला। उन्होंने बताया ‘‘मिठाई के डिब्बे के आधार पर उप्र पुलिस ने गुजरात पुलिस से संपर्क किया और फिर एक पुलिस टीम गुजरात गयी। मिठाई का डिब्बा सूरत जिले की जिस दुकान से लिया गया था, वहां आस-पास लगे सीसीटीवी के फुटेज की जांच से एक संदिग्ध फैजान यूनुस भाई की पहचान की गई।
दोनों राज्यों की पुलिस के समन्वय से फैजान के साथ दो अन्य संदिग्धों मौलाना मोहसिन शेख एवं रशीद अहमद खुर्शीद अहमद पठान को भी हिरासत में लिया गया।’’ उन्होंने बताया कि अभी तक की विवेचना और संयुक्त पूछताछ से यह स्प्ष्ट हो गया है कि यह तीनों कमलेश तिवारी की हत्या के षडयंत्र में शामिल थे। वारदात में शामिल दो अन्य मुख्य अभियुक्तों के बारे में भी पुलिस ने जानकारी जुटाई है और उनकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।
Gujarat: Three people detained in connection with #KamleshTiwariMurder - Maulana Mohsin Sheikh, Faizan and Rashid Ahmed, at Anti-Terrorism Squad (ATS) office, Ahmedabad. pic.twitter.com/FlyMvaMMHr
— ANI (@ANI) October 19, 2019
डीजीपी ने साफ किया कि हिरासत में लिये गये तीनों संदिग्धों के किसी आतंकवादी संगठन से संबंध का अब तक पता नहीं चला है। उन्होंने बताया कि पकड़े गए तीन संदिग्ध मौलाना मोहसिन शेख सलीम (24), फैजान (30) और खुर्शीद अहमद पठान (30) सूरत के रहने वाले हैं।
सिंह ने बताया कि मौलाना अनवारुल हक और मुफ्ती नईम काजमी को शुक्रवार रात हिरासत में लिया गया। डीजीपी सिंह ने बताया कि दो अन्य संदिग्धों को भी हिरासत में लिया गया था और उन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। इनमें से एक राशिद का भाई और दूसरा गौरव तिवारी है। उन्होंने बताया कि गौरव ने कमलेश को कुछ दिन पहले फोन कर सूरत समेत अन्य जगहों पर भारत हिंदू समाज के लिए काम करने की इच्छा जताई थी।
Lucknow divisional commissioner after meeting the family of #KamleshTiwari, in Sitapur: A licensed weapon will be provided to the eldest son for self defence. He'll also be recommended for job. They'll be provided appropriate financial help.Investigation being done by a committee https://t.co/PV3lVyjvKk
— ANI UP (@ANINewsUP) October 19, 2019
सिंह ने बताया कि अब तक इस हत्याकांड का आतंकवाद से संबंध होने का संकेत नहीं मिला है। प्रारंभिक पूछताछ से लगता है कि 2015 में कमलेश तिवारी द्वारा दिया गया एक भाषण उनकी हत्या की वजह हो सकता है। गौरतलब है कि राजधानी लखनऊ के घनी आबादी वाले नाका हिंडोला इलाके में शुक्रवार को हिन्दू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की दिनदहाडे़ हत्या कर दी गयी। पुलिस के अनुसार, कमलेश तिवारी नाका हिंडोला के खुर्शेदबाग स्थित अपने घर में खून से लथपथ पाए गए।
उन्होंने बताया कि दो लोग उनसे मिलने आए थे। इस दौरान कमलेश ने अपने एक साथी को उन दोनों के लिए पान लाने भेजा था। जब वह लौटकर आया तो उसने कमलेश को खून से लथपथ हालत में पाया। कमलेश पूर्व में हिंदू महासभा से भी जुड़े थे। कमलेश की हत्या के मामले में राज्य सरकार ने शुक्रवार को देर रात लखनऊ के पुलिस महानिरीक्षक एस के भगत की अगुवाई में 3 सदस्यीय विशेष जांच दल गठित किया था। लखनऊ के पुलिस अधीक्षक (अपराध) दिनेश पुरी और एसटीएफ के क्षेत्राधिकारी पीके मिश्र इस टीम के अन्य सदस्य हैं।