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CM कमलनाथ के निजी सचिव प्रवीण कक्कड़ के बैंक लॉकर से मिले 48 लाख के जेवर, पत्नी से 7 घंटे तक पूछताछ

By पल्लवी कुमारी | Updated: April 8, 2019 20:35 IST

आयकर विभाग ने रविवार(सात अप्रैल) तड़के मुख्यमंत्री कमलनाथ के निजी सचिव प्रवीण कक्कड़ सहित उनके करीबियों और अन्य पर 52 स्थानों पर छापा मारना शुरू किया था। अभी तक इसमें 10 करोड़ रुपये नकदी बरामद किए गए हैं।

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ठळक मुद्देआयकर छापों के बारे में स्थिति अबतक स्पष्ट नहीं है: सीएम कमलनाथ  मुख्यमंत्री कमलनाथ के बयान में कहा गया था, ‘‘इन संस्थाओं का इस्तेमाल लोगों को डराने के लिए किया गया।''

मुख्यमंत्री कमलनाथ के निजी सचिव प्रवीण कक्कड़ सहित उनके करीबियों के 50 से अधिक ठिकानों पर आयकर की कार्यवाई 8 अप्रैल को भी जारी है। 8 अप्रैल को पूछताछ के लिए प्रवीण कक्कड़ की पत्नी को लेकर आयकर विभाग की टीम सत्यसाईं चौराहा स्थित आईडीबीआई बैंक पहुंची। बैंक में कक्कड़ का एक लॉकर था, जिसमें से लॉकर से 48 लाख रुपये के जेवर बरामद किए गए।

आयकर विभाग की टीम ने तकरीबन सात घंटो तक लंबी पूछताछ करने के बाद प्रवीण कक्कड़ की पत्नी को जाने दिया। ये पूछताछ आयकर विभाग ने आईडीबीआई बैंक में ही की। विभाग ने रविवार तड़के कमलनाथ के करीबियों और अन्य पर 52 स्थानों पर छापा मारना शुरू किया था। अभी तक इसमें 10 करोड़ रुपये नकदी बरामद किए गए हैं।

अधिकारियों ने बताया कि इस चुनाव के मौसम में कथित कर चोरी और हवाला लेन-देन के आरोपों में यह तलाशी भोपाल, इंदौर, दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में विभिन्न परिसरों में चल ही रही है और आयकर अधिकारी ब्योरा एवं सबूत जुटाने में लगे हैं।  कथित हवाला कारोबारी पारस मल लोढ़ा से जुड़े कम से कम छह लोगों से आयकर विभाग पूछताछ कर रहा है।

सूत्रों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि इस बात की ‘प्रबल संभावना’ है कि इस अभियान के दौरान बरामद किये गये नकद का मध्य प्रदेश और दिल्ली में राजनीतिक चुनाव प्रचार एवं मतदाताओं को रिश्वत देने के लिए किया जा रहा था। इन छापों की प्राथमिक रिपोर्ट दिल्ली में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड और चुनाव आयोग से साझा की गयी। 

सूत्रों के अनुसार छापे के दौरान भोपाल में एक जगह से जब्त नकद को लाने के लिए विभाग से एक बड़ी नकद गाड़ी भेजी गयी है। जिन लोगों के परिसरों की तलाशी ली गयी वे कमलनाथ के पूर्व विशेष कार्याधिकारी प्रवीण कक्कड़, पूर्व सलाहकार राजेंद्र मिगलानी, अश्वनी शर्मा, उनके बहनोई की कंपनी मोजर बेयर से जुड़े अधिकारी और उनके भांजे रतुल पुरी शामिल हैं। 

कमलनाथ ने इन छापों पर रविवार को तीखी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था, ‘‘आयकर छापों के बारे में स्थिति अबतक स्पष्ट नहीं है। स्थिति स्पष्ट होने के बाद ही उस पर बोलना उपयुक्त होगा। लेकिन पूरा देश जानता है कि पिछले पांच सालों के दौरान कैसे संविधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग किया गया और किनके खिलाफ उनका इस्तेमाल किया गया। ’’

 मुख्यमंत्री के बयान में कहा गया था, ‘‘इन संस्थाओं का इस्तेमाल लोगों को डराने के लिए किया गया। जब उनके पास विकास और अपने कामकाज के बारे में कहने के लिए कुछ नहीं है तो उन्होंने अपने विरोधियों के खिलाफ इस प्रकार की तरकीब अपनायी।’’ (पीटीआई इनपुट के साथ) 

टॅग्स :कमलनाथमध्य प्रदेश
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