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कमलनाथ के मंत्रिमंडल में होगा ये निर्दलीय MLA, बहुमत जुटाने के लिए करना पड़ा समझौता, सिंधिया को जगह नहीं?

By जनार्दन पाण्डेय | Updated: December 15, 2018 11:21 IST

कांग्रेस को मध्यप्रदेश की कुल 230 सीटों में 114 पर ही जीत मिली थी। जबकि बहुमत के लिए कुल 116 विधायकों की जरूरत होती है। प्रदेश में बहुमत ना आते देख कमलनाथ ने निर्दलीय विधायकों से संपर्क साधना शुरू कर दिया था।

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ठळक मुद्देमायावती ने बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के दो विधायकों का समर्थन कांग्रेस को देकर मजबूती दी थी और बीजेपी के सरकार बनाने के सपने को चकनाचूर कर दिया। पंद्रह नामों की सूची को ध्यान से देखा जाए तो इसका अंदाजा लगेगा कि सभी वर्गों को ध्यान में रखकर बहुत ही संतुलित मंत्रिमंडल चुने की प्रक्रिया चल रही है।

आगामी 17 दिसंबर को वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ मध्यप्रदेश के अगले मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। कांग्रेस आलाकमान की ओर से सीएम पद के लिए चुने जाने के बाद उन्होंने सबसे पहले अपने मंत्रिमंडल को चुनने की बात कही थी।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस को मध्यप्रदेश की कुल 230 सीटों में 114 पर ही जीत मिली थी। जबकि बहुमत के लिए कुल 116 विधायकों की जरूरत होती है। प्रदेश में बहुमत ना आते देख कमलनाथ ने निर्दलीय विधायकों से संपर्क साधना शुरू कर दिया था।

लेकिन उसी वक्त 109 सीटें जीतने वाली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने भी सरकार बनाने की जद्दोजहज शुरू कर दी थी। तभी मायावती ने बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के दो विधायकों का समर्थन कांग्रेस को देकर मजबूती दी थी और बीजेपी के सरकार बनाने के सपने को चकनाचूर कर दिया।

लेकिन अब कमलनाथ के मंत्रिमंडल के संभावित नाम जो सामने आ रहे हैं उनमें बीएसपी के किसी विधायक के नाम के बजाए निर्दलीय विधायक विक्रम राजा का नाम सामने आ रहा है।

ऐसा माना जा रहा है कि बहुमत जुटाने के लिए कमलनाथ ने मायावती से बात करने के बजाए निर्दलियों से बात की थी। यह कवायद उन्होंने 11 दिसंबर की सुबह शुरू कर दी थी। ऐसे में उनके मंत्रिमंडल में कुछ निर्दलीय विधायक भी हो सकते हैं।

दूसरी बड़ी बात उनके मंत्रिमंडल में पूर्व एमपी मुख्यमंत्री दिग्‍विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह के होने की है। राजनैतिक दांवपेंच में ये अक्सर देखने को मिलता है कि जब बड़े पदों पर लोगों को चुनने की बारी आती है तो बड़े नेताओं के बेटे-बेटियों को प्रमुखता दी जाती है। इस कड़ी जयवर्धन सिंह का नाम भी आ रहा है।

हालांकि इनपर अंतिम मुहर 17 दिसंबर को लगेगी। लेकिन छन-छन कर मीडिया में जो नाम सामने आ रहे हैं, वो इस प्रकार हैं-

कमलनाथ का संभावित मंत्रिमंडल

1. जयवर्धन सिंह2. विक्रम राजा ( निर्दलीय )3. आरिफ अकील4. जीतू पटवारी5. हिना कांवरे6. एन पी प्रजापति 7. इमरती देवी8. तुलसी सिलावट9. गोविंद राजपूत 10. दीपक सक्सेना11. बाला बच्चन12. पी सी शर्मा13. के पी सिंह14. ओंकार मरकाम15. सज्जन वर्मा

इन पंद्रह नामों की सूची को ध्यान से देखा जाए तो इसका अंदाजा लगेगा कि सभी वर्गों को ध्यान में रखकर बहुत ही संतुलित मंत्रिमंडल चुने की प्रक्रिया चल रही है। असल में कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव में अपने प्रदर्शन को बरकरार रखना चाहती है। ऐसे में किसी वर्ग को नाराज नहीं करना चाहेंगे।

ज्योतिरादित्य सिंधिया को कोई पद नहीं

एमपी चुनाव में कमलनाथ के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चुनाव जीतने तक पूरी ताकत लगाए रखने वाले दिग्गज कांग्रेसी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को कमलनाथ के मं‌त्रिमंडल में कोई जगह मिलती नहीं दिख रही है। जबकि उन्हें सीएम में दावेदार माना जा रहा था।

टॅग्स :विधानसभा चुनावमध्य प्रदेश चुनावकमलनाथ
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