दिग्गज नेता कल्याण सिंह बीजेपी का वर्तमान सियासी समीकरण संवारेंगे या बिगाड़ेंगे?
By प्रदीप द्विवेदी | Published: September 10, 2019 06:00 PM2019-09-10T18:00:17+5:302019-09-10T18:00:17+5:30
कल्याण सिंह को सक्रिय राजनीति से दूर रखने के इरादे से ही उन्हें राजस्थान का राज्यपाल बनाया गया था, किन्तु गैर-राजनीतिक सत्ता उन्हें रास नहीं आई. उनके पुत्र इस वक्त लोकसभा के सदस्य हैं, तो पौत्र यूपी की योगी सरकार में मंत्री.
राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह, इस ऐलान के साथ कि- मेरा तन टायर नहीं, मन रिटायर नहीं, फिर से सक्रिय राजनीति में लौट आए हैं. इसीलिए, बड़ा सवाल है कि वे बीजेपी का वर्तमान सियासी समीकरण संवारेंगे या बिगाड़ेंगे? अब तक, केन्द्र में पीएम नरेन्द्र मोदी का और यूपी में सीएम योगी का राजनीतिक एकाधिकार रहा है, कल्याण सिंह, किसका फायदा करेंगे और किसके लिए राजनीतिक परेशानी का सबब बनेंगे, यह अभी साफ नहीं है.
अलबत्ता, यूपी में बीजेपी की राजनीति में खासा सियासी उबाल है. सवाल तो यह भी है कि वे सत्ता की राजनीति में दिलचस्पी रखेंगे या संगठन की सियासत करेंगे. वे बैकवर्ड क्लास में आने वाली लोध राजपूत जाति का प्रतिनिधित्व करते हैं और यूपी विधानसभा चुनाव करीब आते जा रहे हैं, लिहाजा इस नए पॉवर सेंटर के साथ बीजेपी का केन्द्रीय नेतृत्व कैसे सियासी संतुलन कायम करेगा, यह देखना भी दिलचस्प होगा.
कल्याण सिंह को सक्रिय राजनीति से दूर रखने के इरादे से ही उन्हें राज्यपाल बनाया गया था, किन्तु गैर-राजनीतिक सत्ता उन्हें रास नहीं आई. उनके पुत्र इस वक्त लोकसभा के सदस्य हैं, तो पौत्र यूपी की योगी सरकार में मंत्री. वर्ष 2014 में केंद्र में पीएम मोदी सरकार के आने पर उन्हें राजस्थान का राज्यपाल बनाया गया था.
वैसे, सत्ता के लिए पीएम मोदी की आदर्श सैद्धान्तिक नीतियां... वंशवाद विरोध, 75 पार सत्ता से सेवानिवृत्त आदि कल्याण सिंह की राजनीतिक राह के रोडे जरूर हैं, लेकिन सिंह स्वतंत्र सियासत में सिद्धहस्त हैं, लिहाजा आनेवाले सियासी समय में यह सवाल कायम रहेगा कि- कल्याण सिंह, बीजेपी का वर्तमान सियासी समीकरण संवारेंगे या बिगाड़ेंगे?