कैलाश मानसरोवर: नेपाल में फंसे तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर किया जारी
By स्वाति सिंह | Published: July 3, 2018 09:07 PM2018-07-03T21:07:10+5:302018-07-03T21:07:10+5:30
यहां स्थित भारतीय दूतावास ने एक बयान में बताया कि करीब 525 भारतीय श्रद्धालु हुमला जिले के सिमिकोट में , 550 हिलसा में और अन्य तिब्बत की तरफ ही फंसे हुए हैं। फंसे हुए लोगों दो भारतीय श्रद्धालुओं के मरने की खबर है।
काठमांडो, 3 जुलाई: खराब मौसम और भारी बारिश के चलते नेपाल में फंसे कैलाश मानसरोवर की तीर्थ यात्रियों के लिए प्रशासन ने हेल्प लाइन नंबर जारी किया है।बताया जा रहा है कि यहां लगभग 1,500 भारतीय फंसे थे, जिनमे से अब तक 104 तीर्थयात्रियों को निकाल लिया गया है। उन्हें निकालने के काम में अबतक सात व्यावसायिक उड़ानो का इस्तेमाल किया गया है।' वहीं अन्य भारतीयों को निकालने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं।
Contact numbers for enquiring about people stranded due to inclement weather, at Hilsa and Simikot in Nepal and on the Tibetan side on their way back from Kailash Mansarovar Yatra. pic.twitter.com/yv5bKdn3jy
— ANI (@ANI) July 3, 2018
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यहां स्थित भारतीय दूतावास ने एक बयान में बताया कि करीब 525 भारतीय श्रद्धालु हुमला जिले के सिमिकोट में , 550 हिलसा में और अन्य तिब्बत की तरफ ही फंसे हुए हैं। फंसे हुए लोगों दो भारतीय श्रद्धालुओं के मरने की खबर है। बताया जा रहा है कि मरने वालों में एक आन्ध्रप्रदेश और दूसरा केरल के निवासी के रूप में पहचन हुई है। भारतीय दूतावास द्वारा जारी बयान में बताया गया है कि वह कैलाश मानसरोवर यात्रा (नेपाल के जरिए) के नेपालगंज-सिमिकोट-हिलसा मार्ग के पास स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है। मौसम खराब होने के चलते निकासी विमानों के परिचालन की संभावना बेहद कम है।
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दूतावास ने बताया कि उसने नेपालगंज और सिमिकोट में अपने प्रतिनिधि तैनात किए हैं जो फंसे हुए प्रत्येक तीर्थयात्री के साथ व्यक्तिगत संपर्क में हैं। वे सुनिश्चित कर रहे हैं कि श्रद्धालुओं को खाने और रुकने की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध हो रही है। उन्हें कहा है कि वह हिलसा में स्थितियों से निपटने को पहली प्राथमिकता दें जिसकी अवसंरचना दूसरे इलाकों के मुकाबले ज्यादा झुकी हुई है।
साथ ही दूतावास ने सभी यात्रा संचालकों से कहा है कि वह ज्यादा से ज्यादा तीर्थयात्रियों को जहां तक संभव हो तिब्बत की तरफ रोकने का प्रयास करें क्योंकि नेपाल की तरफ चिकित्सीय और नगरीय सुविधाएं कम हैं। भारत ने भी फंसे हुए भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए नेपाल सरकार से सेना की हेलीकॉप्टर सेवाएं देने का आग्रह किया है।
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