कैलाश मानसरोवर की यात्रा से लौट रहे 1,500 भारतीय श्रद्धालु नेपाल में फंसे, दो की मौत
By स्वाति सिंह | Published: July 3, 2018 04:21 PM2018-07-03T16:21:50+5:302018-07-03T16:21:50+5:30
नेपालगंज और सिमिकोट में अपने प्रतिनिधि तैनात किए हैं जो फंसे हुए प्रत्येक तीर्थयात्री के साथ व्यक्तिगत संपर्क में हैं। वे सुनिश्चित कर रहे हैं कि श्रद्धालुओं को खाने और रुकने की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध हो रही है।
काठमांडो, 3 जुलाई: तिब्बत के कैलाश मानसरोवर की तीर्थयात्रा से लौट रहे 1,500 भारतीय खराब मौसम और भारी बारिश के चलते नेपाल में फंस गए हैं। यहां स्थित भारतीय दूतावास ने एक बयान में बताया कि करीब 525 भारतीय श्रद्धालु हुमला जिले के सिमिकोट में , 550 हिलसा में और अन्य तिब्बत की तरफ ही फंसे हुए हैं। फंसे हुए लोगों दो भारतीय श्रद्धालुओं के मरने की खबर है। बताया जा रहा है कि मरने वालों में एक आन्ध्रप्रदेश और दूसरा केरल के निवासी के रूप में पहचन हुई है। भारतीय दूतावास द्वारा जारी बयान में बताया गया है कि वह कैलाश मानसरोवर यात्रा (नेपाल के जरिए) के नेपालगंज-सिमिकोट-हिलसा मार्ग के पास स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है। मौसम खराब होने के चलते निकासी विमानों के परिचालन की संभावना बेहद कम है।
2 Indian pilgrims, from Andhra Pradesh and Kerala, who had gone to #KailashMansarovarYatra died in Nepal.
— ANI (@ANI) July 3, 2018
We sent 230 people for Kailash Mansarovar Yatra via Nepal. Currently 70 people are at Simikot and 40 at Hilsa, they are being evacuated. 120 people who went via land route will return to Kathmandu later today: Yamini, Manager, Sankara Travel, Bengaluru pic.twitter.com/78VOMawHIe
— ANI (@ANI) July 3, 2018
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दूतावास ने बताया कि उसने नेपालगंज और सिमिकोट में अपने प्रतिनिधि तैनात किए हैं जो फंसे हुए प्रत्येक तीर्थयात्री के साथ व्यक्तिगत संपर्क में हैं। वे सुनिश्चित कर रहे हैं कि श्रद्धालुओं को खाने और रुकने की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध हो रही है। उन्हें कहा है कि वह हिलसा में स्थितियों से निपटने को पहली प्राथमिकता दें जिसकी अवसंरचना दूसरे इलाकों के मुकाबले ज्यादा झुकी हुई है।
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साथ ही दूतावास ने सभी यात्रा संचालकों से कहा है कि वह ज्यादा से ज्यादा तीर्थयात्रियों को जहां तक संभव हो तिब्बत की तरफ रोकने का प्रयास करें क्योंकि नेपाल की तरफ चिकित्सीय और नगरीय सुविधाएं कम हैं। भारत ने भी फंसे हुए भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए नेपाल सरकार से सेना की हेलीकॉप्टर सेवाएं देने का आग्रह किया है।
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(भाषा इनपुट के साथ)