'...तो मस्जिदों पर 'ऊँ' लिखवा कर प्रमाणित करें', ज्योर्तिमठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने अरशद मदनी के बयान पर प्रतिक्रिया दी

By शिवेंद्र राय | Published: February 13, 2023 05:04 PM2023-02-13T17:04:16+5:302023-02-13T17:06:20+5:30

मौलाना अरशद मदनी के 'ओम और अल्‍लाह' वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए ज्योर्तिमठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा है कि अगर ऐसा है तो इस बात को प्रमाणित करने के लिए उन्हें अपनी मस्जिदों पर 'ऊँ' लिखवाना चाहिए।

Jyotirmath Shankaracharya Swami Avimukteshwaranand Saraswati reacts to Arshad Madani statement | '...तो मस्जिदों पर 'ऊँ' लिखवा कर प्रमाणित करें', ज्योर्तिमठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने अरशद मदनी के बयान पर प्रतिक्रिया दी

ज्योर्तिमठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती

Highlightsमौलाना अरशद मदनी के 'ओम और अल्‍लाह' वाले बयान पर विवाद जारीज्योर्तिमठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने दी प्रतिक्रियाकहा- यदि ओम अल्लााह एक हैं तो मस्जिदों पर 'ऊँ' लिखवाना चाहिए

नई दिल्ली: दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीअत-उलमा-ए-हिंद के 34वें आम अधिवेशन में मौलाना अरशद मदनी के बयान के बाद से जारी हुआ बयानबाजी का दौर रुक नहीं रहा। मौलाना अरशद मदनी के 'ओम और अल्‍लाह' वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए ज्योर्तिमठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा है कि अगर ऐसा है तो  इस बात को प्रमाणित करने के लिए उन्हें अपनी मस्जिदों पर 'ऊँ' लिखवाना चाहिए।

जारी विवाद पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने मीडिया के एक सवाल के जवाब में कहा, "यदि ओम अल्लााह एक हैं तो इस बात को प्रमाणित करने के लिए उन्हें अपनी मस्जिदों पर 'ऊँ' लिखवाना चाहिए। इसकी शुरुआत काबा से होनी चाहिए और उन्हें वहां पर सोने के वर्क से 'ऊँ' लिखना चाहिए। इसके बाद जामा मस्जिम में लिखवाएं। जहा-जहां पर अल्लाह लिखा हुआ है, वहां पर 'ऊँ'लिखवाना चाहिए क्योंकि उनकी दृष्टि से दोनों एक ही चीज है।"

अरशद मदनी ने क्या कहा था

जमीअत-उलमा-ए-हिंद के 34वें आम अधिवेशन में मौलाना अरशद मदनी ने मंच से कहा,  "मैंने बड़े-बड़े धर्मगुरुओं से पूछा कि जब कोई नहीं था, न श्री राम थे, न ब्रह्मा थे, न शिव थे, जब कोई नहीं था, तब सवाल पैदा होता है कि मनु पूजते किसे थे? कोई कहता है कि शिव को पूजते थे। लेकिन उनके पास इल्म नहीं है। बहुत कम लोग ये बताते हैं कि जब कुछ नहीं था दुनिया में तो मनु ओम को पूजते थे। तब मैंने पूछा कि ओम कौन है? बहुत से लोगों ने कहा कि ये हवा है जिसका कोई रूप नहीं है। कोई रंग नहीं है। वो दुनिया में हर जगह है उन्होंने आसमान बनाया, उन्होंने ज़मीन बनाई। मैंने कहा कि अरे बाबा, इन्हीं को तो हम 'अल्लाह' कहते हैं। इन्हीं को तो तुम 'ईश्वर' कहते हो। फारसी बोलने वाले 'खुदा' कहते हैं। अंग्रेजी बोलने वाले 'गॉड' कहते हैं। इसका मतलब ये है कि मनु यानी आदम, ओम यानी अल्लाह को पूजते थे।"

बता दें कि मौलाना मदनी के बयान के विरोध में हिंदू धर्म के कई संतो के अलावा मुस्लिम विद्धान और राजनेता भी उतर आए हैं। उत्‍तर प्रदेश की संभल सीट से सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने भी मौलाना अरशद मदनी के बयान को विवाद पैदा करने वाला बताया है।

Web Title: Jyotirmath Shankaracharya Swami Avimukteshwaranand Saraswati reacts to Arshad Madani statement

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