जस्टिस चेलमेश्वर ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को लिखा पत्र, कहा- न्यायपालिका की आजादी पर पूरा कोर्ट करे विचार
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: March 29, 2018 03:40 PM2018-03-29T15:40:58+5:302018-03-29T15:51:08+5:30
जस्टिस चेलमेश्वर ने ये पत्र ;चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के साथ ही सुप्रीम कोर्ट के 22 अन्य न्यायाधीशों को भी भेजा है।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्ती चेलमेश्वर ने मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा को पिछले हफ्ते पत्र लिखकर हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति के मामले में केंद्र सरकार के हस्तक्षेप पर सर्वोच्च न्यायालय के सभी जजों की पीठ में चर्चा करने की माँग की है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार देश के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने बुधवार (28 मार्च) तक जस्टिस चेलमेश्वर के पत्र का जवाब नहीं दिया था।
रिपोर्ट के अनुसार जस्टिस चेलमेश्वर ने चीफ जस्टिस को पाँच पन्नों का पत्र लिखा है। जस्टिस चेलमेश्वर ने ये पत्र सुप्रीम कोर्ट के 22 अन्य न्यायाधीशों को भी भेजा है। सुप्रीम कोर्ट जनवरी 2018 में उस समय विवादों से घिर गया था जब सर्वोच्च अदालत के शीर्ष पाँच से चार जजों जस्टिस चेलमेश्वर, जस्टिस बी लोकुर, जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस कूरियन जोसेफ ने चीफ जस्टिस के कामकाज के तरीके और सुप्रीम कोर्ट में मामलों को विभिन्न पीठों को सौंपने पर सवाल उठाया था। उस समय भी चारों न्यायाधीशों ने मीडिया में एक पत्र सार्वजनिक किया था जिसे उन सबने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को भेजा था।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार जस्टिस चेलमेश्वर ने ताजा पत्र 21 मार्च को भेजा। इस पत्र में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के जजों की नियुक्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम के सुझावों को सरकार ने अपनी सुविधा के अनुसार स्वीकार किया। पत्र में कहा गया है कि सरकार ने उन नामों की अनदेखी की जिनसे वो असहज थी और इस वजह से न्यायपालिका की आजादी प्रभावित हुई है। जस्टिस चेलमेश्वर ने पत्र में माँग की है कि इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट के सभी जस्टिस एक साथ विचार करें। सुप्रीम कोर्ट के सभी न्यायधीश तभी एक साथ बैठकर किसी मामले की सुनवाई करते हैं जब न्यायपालिका के कामकाज से जुड़ी कोई सार्वजनिक हित का मुद्दा होता है।
जस्टिस चेलमेश्वर एवं अन्य न्यायधीशों के उठाए गए सवाल के बाद चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट में विभिन्न पीठों को मुकदमों के आवंटन को ऑनलाइन उपलब्ध कराने की व्यवस्था करवाई थी।