न्यायाधीश लोया मौत मामलाः महाराष्ट्र के गृहमंत्री सहित दो मंत्रियों ने कहा, दोबारा होगी जांच, जानिए मामला
By भाषा | Published: January 9, 2020 03:50 PM2020-01-09T15:50:19+5:302020-01-09T15:50:19+5:30
गुजरात के चर्चित सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे न्यायामूर्ति लोया की एक दिसंबर 2014 को नागपुर में उस समय दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी जब वह अपने एक सहयोगी की बेटी की शादी में शामिल होने गए थे।
महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने गुरुवार को कहा कि सरकार के पास 2014 में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश बी एच लोया की मौत की जांच दोबारा कराने का विकल्प खुला है।
उल्लेखनीय है कि गुजरात के चर्चित सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे न्यायामूर्ति लोया की एक दिसंबर 2014 को नागपुर में उस समय दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी जब वह अपने एक सहयोगी की बेटी की शादी में शामिल होने गए थे।
देशमुख ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हमारी सरकार ने लोया मौत मामले की दोबारा जांच कराने का विकल्प खुला रखा है। कुछ लोग मामले को दोबारा खोलने की मांग को लेकर आज मुझसे मिल रहे हैं। अगर जरूरी हुई, तो दोबारा जांच कराई जाएगी।’’
Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh on Judge Loya case: I will meet the concerned persons today and listen to them regarding this case and then decide if a further and fair enquiry is needed. pic.twitter.com/EGUUCU5fls
— ANI (@ANI) January 9, 2020
‘सबूतों’ के साथ कोई शिकायत मिली तो लोया मामले की जांच पर विचार कर सकती है महाराष्ट्र सरकार: मलिक
महाराष्ट्र के एक मंत्री ने बुधवार को कहा कि यदि राज्य सरकार को पर्याप्त सबूतों के साथ कोई शिकायत मिलती है तो वह विशेष सीबीआई न्यायाधीश बी एच लोया की 2014 में कथित संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु की जांच पर विचार करेगी।
गुजरात के सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवायी कर रहे लोया की एक दिसंबर 2014 को नागपुर में उस समय दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई थी, जब वह अपने साथी की बेटी की शादी में शिरकत करने गए थे। राकांपा प्रवक्ता एवं राज्य के मंत्री नवाब मलिक ने यहां पार्टी की एक बैठक के लोया मामले पर यह बात कही।
यह मामला उच्चतम न्यायालय तक पहुंचा था। शिवसेना नीत सरकार में राकांपा के मंत्रियों की चार घंटे चली बैठक के बाद मलिक ने यहां पत्रकारों से कहा कि यदि पर्याप्त सबूतों के साथ कोई शिकायत मिलती है तो सरकार न्यायाधीश बी एच लोया मामले को फिर से खोलने पर विचार करेगी।''
उन्होंने कहा कि यदि शिकायत में कोई सबूत मिले, तो ही जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में बिना वजह कोई जांच नहीं की जाएगी। उच्चतम न्यायालय ने माना था कि 1 दिसंबर 2014 को लोया की ''प्राकृतिक कारणों'' से मृत्यु हुई थी। शीर्ष अदालत ने मामले की एसआईटी जांच की मांग को खारिज कर दिया था।