न्यायाधीश मौत मामला : सीबीआई ने आरोपियों को चौथी बार अपनी हिरासत में लिया

By भाषा | Updated: September 29, 2021 17:02 IST2021-09-29T17:02:14+5:302021-09-29T17:02:14+5:30

Judge death case: CBI takes the accused into its custody for the fourth time | न्यायाधीश मौत मामला : सीबीआई ने आरोपियों को चौथी बार अपनी हिरासत में लिया

न्यायाधीश मौत मामला : सीबीआई ने आरोपियों को चौथी बार अपनी हिरासत में लिया

धनबाद (झारखंड), 29 सितंबर धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद मौत मामले की जांच कर रही सीबीआई ने गिरफ्तार दोनों आरोपियों को मंगलवार को चौथी बार पूछताछ के लिए अपनी हिरासत में लिया। अदालत ने दोनों आरोपियों की छह दिन की हिरासत सीबीआई को दी है।

न्यायाधीश उत्तम आनंद की संदिग्ध मौत के मामले में पहले भी तीन बार दोनों मुख्य आरोपियों आटो चालक लखन वर्मा तथा उसके सहयोगी राहुल वर्मा को हिरासत में लेकर पूछताछ हो चुकी है। एजेंसी ने मंगलवार को एक बार फिर दोनों आरोपियों को छह दिन तक हिरासत में लेकर पूछताछ करने की अनुमति अदालत से प्राप्त की।

दोनों आरोपियों से पूछताछ के लिए सीबीआई ने एक बार फिर विशेष जिला न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसडीजेएम) अभिषेक श्रीवास्तव की अदालत में आवेदन देकर उनकी 10 दिन हिरासत मांगी थी। सीबीआई की अर्जी पर सुनवाई करते हुए अदालत ने आरोपियों को छह दिन के लिए एजेंसी की हिरासत में भेजने की अनुमति दी। हिरासत मिलने के बाद सीबीआई की टीम दोनों आरोपियों को धनबाद जेल से सिंफर सत्कार अतिथिशाला लेकर गई जहां उनसे पूछाताछ की जा रही है।

सीबीआई ने न्यायाधीश को टक्कर मारने वाले ऑटो की चोरी को लेकर भी एफआईआर दर्ज की है। साथ ही राहुल वर्मा के खिलाफ हिल कॉलोनी आउट हाउस से रेलवे ठेकेदार के कर्मियों के तीन मोबाइल चोरी करने की भी प्राथमिकी दर्ज की गई है।

इससे पहले 23 सितंबर को उच्च न्यायालय में हुई सुनवाई के दौरान पेश हुए सीबीआई के संयुक्त निदेशक शरद अग्रवाल ने बताया था कि न्यायाधीश को जानबूझ कर आटो चालक ने टक्कर मारी थी। हालांकि, उन्होंने न्यायाधीश की इरादतन हत्या के संबंध में अदालत में कोई सबूत या गवाह का जिक्र नहीं किया था।

अग्रवाल ने अदालत को बताया था कि गिरफ्तार ऑटो चालक लखन वर्मा एवं उसका सहयोगी राहुल वर्मा बार-बार बयान बदल रहे हैं।

लखन वर्मा और राहुल वर्मा को चौथी बार पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। सबसे पहले राज्य सरकार की ओर से गठित एसआईटी ने दोनों को पांच दिन की हिरासत में लिया था। दूसरी बार सात अगस्त को सीबीआई ने उन्हें पांच दिनो के हिरासत में लिया। 11 अगस्त को सीबीआई ने तीसरी बार दोनों को 10 दिनो के लिए हिरासत में लिया लेकिन एक दिन बाद ही 12 अगस्त को दोनों को वापस जेल भेज दिया गया था।

गौरतलब है कि 28 जुलाई को को न्यायाधीश की संदिग्ध परिस्थतियों में ऑटो से टक्कर लगने से मौत हो गई थी।

सीबीआई 16 अगस्त को दोनों को ब्रेन मैपिंग, लाई डिटेक्टर टेस्ट और नार्को एनालिसिस सहित अन्य जांच के लिए गांधीनगर अपराध विज्ञान प्रयोगशाला ले जा चुकी है जिसके बाद तीन सितंबर को उन्हें लेकर सीबीआई की टीम वापस धनबाद लौटी थी।

उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश की पीठ और झारखंड उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश रविरंजन की खंड पीठ ने इस मामले की जांच में विशेष प्रगति न हो पाने पर बार-बार चिंता व्यक्त की है और सीबीआई को मामले का खुलासा शीघ्र करने को कहा है। झारखंड उच्च न्यायालय ने तो 23 सितंबर की सुनवाई में यहां तक कहा कि धनबाद के न्यायाधीश की संदिग्ध मौत के कारण देश के न्यायिक अधिकारियों का मनोबल प्रभावित हुआ है।

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Web Title: Judge death case: CBI takes the accused into its custody for the fourth time

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