बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के आंखों देखे हाल पर किताब लेकर आ रहे हैं पत्रकार मानस घोष

By भाषा | Updated: December 3, 2021 17:16 IST2021-12-03T17:16:08+5:302021-12-03T17:16:08+5:30

Journalist Manas Ghosh is bringing a book on the eyes of Bangladesh Liberation War | बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के आंखों देखे हाल पर किताब लेकर आ रहे हैं पत्रकार मानस घोष

बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के आंखों देखे हाल पर किताब लेकर आ रहे हैं पत्रकार मानस घोष

नयी दिल्ली, तीन दिसंबर बांग्लादेश की 1971 की आजादी की लड़ाई पर रिपोर्टिंग करने वाले वरिष्ठ पत्रकार मानस घोष युद्ध के दौरान आंखों देखे हाल पर एक किताब लेकर आ रहे हैं जिसमें इस जंग के कई अनजान तथ्यों को बयां किया गया है।

‘‘बांग्लादेश वॉर : रिपोर्ट फ्रॉम ग्राउंड जीरो’’ नाम की यह किताब युद्ध के स्वर्णिम विजयी वर्ष में आ रही है। इसमें यह भी बताया गया है कि कैसे करिश्माई नेता शेख मुजीबुर रहमान या बंगबंधू ने पूर्वी पाकिस्तान में बंगाली लोगों को भारत के समर्थन से मुक्ति संग्राम छेड़ने के लिए प्रेरित किया और आजादी हासिल की।

इस युद्ध के दौरान घोष एक युवा पत्रकार थे। उन्होंने शुरू से अंत तक जब तक पाकिस्तानी सेना ने 17 दिसंबर 1971 को खुलना में आत्मसमर्पण किया, तब तक इस युद्ध को कवर किया। उन्होंने किताब में जंग के कई मोर्चों से प्रत्यक्षदर्शियों की टिप्पणियां भी दी हैं। युद्ध में भारत की अहम भूमिका का विस्तार से विश्लेषण किया गया है।

घोष ने कहा कि तेज तर्रार नेता अटल बिहारी वाजपेयी की संसद में श्रीमती इंदिरा गांधी की बांग्लादेश नीति का समर्थन करने की साहसी भूमिका दिखाती है कि ‘‘वामपंथी और दक्षिणपंथी दोनों विचारों वाले राजनीतिक दल न केवल एकजुट थे बल्कि बांग्लादेश मुद्दे पर प्रधानमंत्री के साथ दृढ़ता से खड़े थे।

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Web Title: Journalist Manas Ghosh is bringing a book on the eyes of Bangladesh Liberation War

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