जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) परिसर में हुए हिंसा की निंदा करते हुए केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने सोमवार को कहा कि विद्यार्थियों की आवाज, देश की आवाज है। इस हिंसा के पीछे जिनका भी हाथ है उन्हें खुद को समेट लेना चाहिए। उन्होंने कहा 'संघ परिवार को कैंपस में खूनखराबे के इस खतरनाक खेल को हटा लेना चाहिए। छात्रों पर हमला असहिष्णुता का परिणाम है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के परिसर में छात्रों और शिक्षकों पर नाजी शैली का हमला उन लोगों द्वारा किया जाता है जो देश में अशांति और हिंसा पैदा करना चाहते हैं'।
बता दें कि जेएनयू परिसर में रविवार रात उस वक्त हिंसा भड़क गयी थी जब लाठियों से लैस कुछ नकाबपोश लोगों ने छात्रों तथा शिक्षकों पर हमला कर दिया था और परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था जिसके बाद प्रशासन को पुलिस को बुलाना पड़ा था।
छात्र संघ ने आरोप लगाया कि एबीवीपी के सदस्यों द्वारा किए गए पथराव में घोष सहित उसके कई सदस्य घायल हो गए। लेकिन आरएसएस समर्थित छात्रों के संगठन ने आरोप लगाया कि उसके सदस्यों पर वाम-संबद्ध छात्र संगठनों ने क्रूरता से हमला किया जिसमें उनके 25 लोग घायल हो गए, जबकि 11 लापता हो गए हैं। यह हिंसा तब हुई जब जेएनयू शिक्षक संघ एक बैठक कर रहा था।
ऑनलाइन साझा किए गए एक वीडियो में, घोष के सिर से खून बहते देखा जा सकता है। वीडियो में वह कहती सुनाई दे रही हैं, 'मास्क पहने हुए लोगों ने मुझे बेरहमी से पीटा। जब मुझसे मारपीट की गई तब मैं अपने एक कार्यकर्ता के साथ थी। मैं बात तक करने की हालत में नहीं हूं।' जेएनयूएसयू ने दावा किया कि एबीवीपी के सदस्य मुखौटे पहने हुए लाठी, छड़ और हथौड़े के साथ परिसर में घूम रहे थे। जेएनयूएसयू ने दावा किया, "वे पत्थर फेंक रहे थे... छात्रावासों में घुस रहे हैं और छात्रों की पिटाई कर रहे हैं। कई शिक्षकों को भी पीटा गया है।"
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने आरोप लगाया कि हिंसा के पीछे वामपंथी छात्र संगठनों का हाथ है। एबीवीपी ने दावा किया कि हमले में लगभग 25 छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और 11 छात्रों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। एबीवीपी के कई सदस्यों पर छात्रावासों में हमला किया जा रहा है।