अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने सोमवार को आरोप लगाया कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्याल (जेएनयू) परिसर में पांच जनवरी को हुए हमले में वामपंथी छात्र संगठनों और कांग्रेस की छात्र ईकाई की मिलीभगत है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध संगठन एबीपीवी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह हमला पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा था।
एबीवीपी ने संवाददाता सम्मेलन में अपने दावों की पुष्टि के लिए आठ वीडियो भी जारी किए और मांग की कि इस मामले की व्यापक जांच हो। वहीं जेएनयू छात्रसंघ ने अपनी तरफ से हमले के पीछे एबीवीपी का हाथ होने का आरोप लगाया है। परिसर में पांच जनवरी को हुए हमले में 35 छात्र घायल हो गए थे।
वहीं, दिल्ली पुलिस ने सोमवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष समेत तीन छात्रों से पांच जनवरी को परिसर में हुई हिंसा के मामले में पूछताछ की, वहीं विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने शुल्क वृद्धि के मुद्दे पर प्रशासन के साथ टकराव के बीच कक्षाओं का बहिष्कार किया।
जेएनयू के शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने एक बार फिर मानव संसाधन विकास मंत्रालय का दरवाजा खटखटाया और दावा किया कि परिस्थितियां अकादमिक गतिविधियों के लिहाज से अनुकूल नहीं हैं और छात्रों को परिसर में लौटने में डर लग रहा है। जेएनयू छात्र संघ ने सेमिस्टर पंजीकरण का बॉयकॉट जारी रखा है। वे छात्रावास की शुल्क वृद्धि को पूरी तरह वापस लेने की मांग कर रहे हैं, वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन ने दावा किया कि करीब 8500 विद्यार्थियों में से 5000 से ज्यादा पंजीकरण करा चुके हैं।