जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ शुक्रवार को मानव संसाधन विकास मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन करेगा और विश्वविद्यालय का सुगम संचालन बहाल करने के लिए गठित एक समिति की सिफारिशें सार्वजनिक करने की मांग की जाएगी. गौरतलब है कि एचआरडी मंत्रालय ने विश्वविद्यालय के सामान्य कामकाज को बहाल करने के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की थी. इसने अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंप दी है.
छात्र संघ का प्रदर्शन इस मांग के लिए हो रहा है कि रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए और छात्रावास शुल्क वृद्धि पूरी तरह से वापस ली जाए. छात्रों का कहना है कि उनके महीने भर के प्रदर्शन से उन्हें हुए अकादमिक नुकसान के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन जिम्मेदार है और इसलिए सेमेस्टर बढ़ाया जाना चाहिए. उन्होंने कुलपति एम जगदीश कुमार को हटाने की भी मांग की.
इससे पहले जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में फीस वृद्धि को लेकर जारी आंदोलन और विवाद पर उच्च स्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. समिती ने अपनी रिपोर्ट में बढ़ी हुई फीस को वापस लेने की सिफारिश की है. कमिटी ने बीपीएल छात्रों के साथ ही सामान्य श्रेणी के छात्रों की शुल्क भी कम करने का सुझाव दिया है. ऐसा दूसरी बार हुआ है, जब प्रशासन ने फीस वृद्धि के बाद छात्रों को राहत देने का फैसला किया है.
बीपीएल श्रेणी के छात्रों के लिए यूटिलिटी और सर्विस चार्ज 2000 से कम कर 500 और सामान्य श्रेणी के लिए 1000 करने की सिफारिश कमिटी के द्वारा की गई है. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति ने सिफारिश की है कि आवश्यक सेवा शुल्क में कटौती का लाभ विश्वविद्यालय के सभी छात्रों को मिलना चाहिए. अब तक यह लाभ गरीबी रेखा के नीचे आने वाले छात्रों को ही दिया जाता है.
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से इनपुट्स लेकर