सस्ती शिक्षा के लिए जेएनयू छात्र करेंगे देश भर में 8 जनवरी को हड़तालः आइशी घोष
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 6, 2020 08:23 PM2020-01-06T20:23:39+5:302020-01-06T20:23:39+5:30
आइशी घोष ने कहा कि संघ के गुंडे ने हमला किया। यह आंदोलन आगे जाएगा। यदि हिम्मत हो तो कुलपति को एब तक इस्तीफा दे देना चाहिय। यदि इस्तीफा नहीं देते है तो एचआरडी मंत्रालय उन्हें जल्द से जल्द बर्खास्त करें।
जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि यह एक संगठित हमला था, वे लोगों को चुन-चुनकर बाहर निकाल रहे थे और उनपर हमला कर रहे थे। इस बीच घोष ने कहा कि सस्ती शिक्षा के लिए जेएनयू छात्र 8 जनवरी को देश भर में हड़ताल करेंगे।
आइशी घोष ने कहा कि संघ के गुंडे ने हमला किया। यह आंदोलन आगे जाएगा। यदि हिम्मत हो तो कुलपति को एब तक इस्तीफा दे देना चाहिय। यदि इस्तीफा नहीं देते है तो एचआरडी मंत्रालय उन्हें जल्द से जल्द बर्खास्त करें।
हम सस्ती शिक्षा लेकर रहेंगे। यदि मोदी सरकार में हिम्मत है तो इसे रोक कर दिखाए। रविवार को हुए हमले को लेकर आइशी घोष ने कहा कि पिछले 4-5 दिनों से, आरएसएस से जुड़े कुछ प्रोफेसर हमारे आंदोलन को दबाने के लिए हिंसा को भड़का रहे थे। जेएनयू के सुरक्षा कर्मियों और उपद्रवियों के बीच सांठगांठ है, उन्होंने हिंसा रोकने के लिए हस्तक्षेप नहीं किया।
जवाहर लाल नेहरू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने सोमवार को आरोप लगाया कि परिसर पर हुआ हमला संगठित था। हमले में घोष भी घायल हुई हैं। घोष ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह संगठित हमला था। वे लोगों को छांट-छांट कर उन पर हमला कर रहे थे।
जेएनयू सुरक्षा और तोड़फोड़ करने वालों के बीच पक्का कोई साठगांठ थी। उन्होंने हिंसा रोकने के लिए हस्तक्षेप नहीं किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पिछले चार-पांच दिन से आरएसएस से जुड़े कुछ प्रोफेसर हिंसा को बढ़ावा दे रहे थे ताकि हमारे आंदोलन को तोड़ा जा सके। क्या जेएनयू और दिल्ली पुलिस से सुरक्षा मांग कर हम कोई गलती कर रहे हैं?’’
हम हमले की निंदा करते हैं। हम चाहते हैं कि त्वरित प्रभाव से वीसी को हटाया जाए। कल हुआ हमला RSS और एबीवीपी के गुंडों द्वारा किया गया था। पिछले 4-5 दिनों में आरएसएस और एबीवीपी से संबद्ध प्रफेसरों द्वारा हिंसा को प्रमोट किया गया।
कुछ समय पहले ही जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हिंसा में घायल हुई जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष को सोमवार को यहां एम्स से छुट्टी दे दी गई। रविवार को परिसर में हुई हिंसा में घोष को सिर में चोट लगी थी। जेएनयूएसयू ने आरोप लगाया कि आरएसएस से जुड़े एबीवीपी के सदस्यों ने उनपर पत्थर और छड़ से हमला किया।
विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्रों ने सोमवार को यहां प्रदर्शन किया और दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हिंसा की निंदा की। पुलिस ने यह जानकारी दी। जेएनयू के छात्रों और शिक्षकों के साथ एकजुटता दिखाने वाले प्रदर्शनकारियों में छात्रों, शिक्षकों और नागरिकों का समूह शामिल था। प्रदर्शनकारियों ने मौलाना आजाद नेशनल उर्दू विश्वविद्यालय (एमएएनयूयू), हैदराबाद विश्वविद्यालय, उस्मानिया विश्वविद्यालय और अन्य स्थानों पर नारे लगाए और रैलियां निकालीं। एमएएनयूयू की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों ने रविवार की रात जेएनयू में छात्रों और शिक्षकों पर नकाबपोश गुंडों द्वारा किए गए कथित अत्याचार को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से मार्च निकाला। विज्ञप्ति में बताया गया कि एमएएनयूयू के करीब 200 शिक्षकों, शिक्षकेतर कर्मचारियों और छात्रों ने विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर जुलूस निकाला और हाथों में तख्तियां लिए हुए ‘छात्र बचाओ, शिक्षक बचाओ, विश्वविद्यालय बचाओ’ के नारे लगाए। कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों ने भी बड़ी संख्या में मार्च में हिस्सा लिया। विज्ञप्ति में बताया गया कि प्रदर्शनकारियों ने जेएनयू के छात्रों और शिक्षकों पर हुए ‘शर्मनाक कृत्यों’ की निंदा की। हिंसा की निंदा करते हुए प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स यूनियन (पीडीएसयू) के बैनर तले छात्रों के समूह ने उस्मानिया विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन किया और एबीवीपी के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए पुतले फूंके। उन्होंने ‘हमें न्याय चाहिए’ जैसे नारे लगाए। इसी तरह से ‘‘एचसीयू (हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय) छात्र संघ’’ के बैनर तले छात्रों के एक समूह ने जेएनयू हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन किया।