छात्रावास की फीस में वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे जेएनयू छात्रों के राष्ट्रपति भवन तक लंबे मार्च के मद्देनजर सोमवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई। छात्रों ने तस्वीरें दिखाकर दावा किया कि पुलिस ने जेएनयू के सभी प्रवेश द्वारों को बंद कर दिया है।
यातायात पुलिस ने बताया कि जेएनयू तक जाने वाली सड़कों को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। दिल्ली यातायात पुलिस ने बताया कि छात्रों के प्रदर्शन और लंबे मार्च के कारण बाबा गंगनाथ मार्ग पर यातायात की आवाजाही बंद है।
बता दें कि मानव संसाधन विकास (HRD) मंत्रालय ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) प्रशासन को छात्रों के खिलाफ पुलिस शिकायत को वापस लेने के लिए कहा है। मंत्रालय के मुताबिक, विश्वविद्यालय में गतिरोध समाप्त करने के लिए पहला कदम है।
सरकार ने विश्वविद्यालय के लिए एक समझौता फार्मूला प्रस्तावित किया है। मंत्रालय अब जेएनयू से वापस इस फॉर्मूले के बारे में सुनने का इंतजार कर रहा है।
जेएनयूएसयू की अधिसूचना और पुलिस शिकायतों को वापस लेना समझौता फार्मूला का हिस्सा है। यदि विश्वविद्यालय इससे सहमत है, तो सरकार को उम्मीद है कि छात्रों को आंदोलन को बंद करने के लिए कहा जाएगा, न कि "घेराव" करने की इजाजत दी जाएगी। मंत्रालय ने जेएनयू के अधिकारियों और विश्वविद्यालय प्रशासन को छात्रों के साथ "संवाद" करने के लिए कहा है।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, छात्र संघ की अधिसूचना जारी करने में यूनिवर्सिटी को समस्या नहीं होनी चाहिए क्योंकि दिल्ली उच्च न्यायालय ने पहले ही जेएनयूएसयू की चुनाव समिति को संघ चुनावों के परिणाम घोषित करने की अनुमति दे दी है।
सरकार ने पुलिस मामलों को वापस लेने की सलाह दी है क्योंकि ऐसा लगता है कि टकराव का माहौल गतिरोध को हल करने में मदद नहीं करेगा। पिछले महीने, दिल्ली पुलिस ने छात्रों द्वारा विश्वविद्यालय के प्रशासन ब्लॉक में "बर्बरता" के संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज की थी।
आपको बता दें कि उच्च-स्तरीय समिति (HPC) द्वारा 26 नवंबर को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद सरकार द्वारा यह पहला हस्तक्षेप है। छात्रावास की फीस में वृद्धि पर गतिरोध को समाप्त करने के उपाय सुझाने के लिए गठित समिति ने सुझाव दिया था कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को जेएनयू को अपने नकदी संकट से निपटने के लिए अतिरिक्त धनराशि जारी करनी चाहिए। इसके अलावा विश्वविद्यालय को अपने सभी स्टेक होल्डर से सलाह लेने के बाद ही फीस बढ़ानी चाहिए।
छात्रों के विरोध का मुख्य कारण सेवा शुल्क - रखरखाव, मेस चार्ज, स्वच्छता और उपयोगिता शुल्क (बिजली और पानी की खपत) है, जो अब तक छात्रावास शुल्क में शामिल नहीं थे।