जवाहर लाल विश्वविद्यालय (जेएनयू) में फीस वृद्धि और अन्य सुविधाओं को लेकर पिछले कई दिनों से छात्र हड़ताल पर हैं। इस बीच रविवार (17 नवंबर) को विश्वविद्यालय ने कहा है कि जो छात्र हड़ताल पर हैं उनकी वजह से शैक्षणिक कार्यक्रमों में भाग लेने के इच्छुक छात्रों की भी पढ़ाई प्रभावित होती है।
विश्वविद्यालय ने कहा कि हड़ताल के चलते अपनी निरंतर पढ़ाई करने व शैक्षणिक आवश्यकताओं को पूरा करने की योजना बनाने वाले हजारों छात्रों को परेशानी हो रही है। इस वजह से सभी छात्र हड़ताल खत्म कर कक्षाओं में वापस आएं।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, जेएनयू प्रशासन ने छात्रों से कक्षाओं में लौटने और अपने शैक्षणिक कार्य को फिर से शुरू करने की अपील की है, ताकि छात्रों को पहले से हुए नुकसान की भरपाई हो सके। शैक्षणिक कैलेंडर को एकेडमिक काउंसिल और एग्जीक्यूटिव काउंसिल द्वारा अनुमोदित किया गया है। साथ ही साथ उसने कहा कि समय सीमा में कोई ढील नहीं दी जाएगी।
आपको बता दें कि जेएनयू में कई दिनों से फीस वृद्धि के लिए सैकड़ों की संख्या में छात्र हड़ताल पर हैं और उन्हें विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों को तख्तियां और बैनर लिए प्रदर्शन करते हुए देखा गया। जेएनयू के ये छात्र खासकर मसौदा छात्रावास नियमावली को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों का दावा है कि इसमें शुल्क वृद्धि, ड्रेस कोड और कर्फ्यू के समय को लेकर प्रावधान हैं।
जेएनयू के छात्रों ने मीडिया को बताया कि अभी छात्रावास के लिए ढाई हजार रुपये फीस देनी होती है जोकि बढ़ाकर 4200 रुपये की जा रही है, जिसमें 1700 रुपये सेवाशुल्क के तौर पर जोड़े गए हैं। फीस में बिजली, सफाई और पानी की फीस भी जोड़ी गई है। छात्र मसौदा छात्रावास नियमावली को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
वहीं, छात्रावास सिक्यॉरिटी के लिये ली जाने वाली राशि को 5500 रुपये से बढ़ाकर 12000 रुपये कर दी गई है, जिसे बाद में वापस करने का प्रावधान है। वहीं, सिंगल-सीटर रूम का किराया 20 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 600 रुपये प्रति माह कर दिया गया है, जबकि डबल-सीटर रूम का किराया 10 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये प्रति माह किया गया है।