जम्मू कश्मीर आतंकी वित्त पोषण: हिज्बुल मुजाहिदीन के चार सदस्यों के खिलाफ आरोप तय करने के आदेश

By भाषा | Updated: July 9, 2021 22:18 IST2021-07-09T22:18:55+5:302021-07-09T22:18:55+5:30

J&K terror funding: Orders for framing of charges against four members of Hizbul Mujahideen | जम्मू कश्मीर आतंकी वित्त पोषण: हिज्बुल मुजाहिदीन के चार सदस्यों के खिलाफ आरोप तय करने के आदेश

जम्मू कश्मीर आतंकी वित्त पोषण: हिज्बुल मुजाहिदीन के चार सदस्यों के खिलाफ आरोप तय करने के आदेश

नयी दिल्ली, नौ जुलाई दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को कहा कि आतंकवादी संगठन जेल में कैद अपने सदस्यों को धन मुहैया कर रहे हैं और मारे गये आतंकवादियों के परिजन संभावित आतंकवादियों के लिए प्रेरक का काम कर रहे हैं।

अदालत ने हिज्बुल मुजाहिदीन के चार कथित सदस्यों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश देते हुए यह टिप्पणी की। दरअसल, अदालत ने प्रथम दृष्टया पाया कि इन चारों ने जम्मू कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान से धन प्राप्त किया था।

विशेष न्यायधीश प्रवीण सिंह ने इस बात का जिक्र किया कि इस मामले में आतंकी संगठन ने जेकेएआरटी (जम्मू कश्मीर एफेक्टीज रिलीफ ट्रस्ट) के नाम से एक मुखौटा संगठन बनाया और इस ट्रस्ट का उद्देश्य आतंकी गतिवधियों का वित्त पोषण करना था।

न्यायाधीश ने कहा कि हर आतंकवादी संगठन को अपनी गतविधियां जारी रखने के लिए धन की जरूरत पड़ती है, जो उसके सदस्यों को वेतन देने, हथियार एवं गोलाबारूद खरीदने, सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गये आतंकवादियों के परिवार की देखभाल करने के लिए उपलब्ध कराया जाता है।

अदालत ने कहा कि मारे गये आतंकवादियों के परिवार को धन उपलब्ध कराना प्रत्यक्ष रूप से आतंकी गतिविधियों का वित्त पोषण नहीं लगता है लेकिन यह आतंकी गतिविधियों का अभिन्न हिस्सा है।

न्यायाधीश ने कहा कि यदि कोई आतंकी संगठन मारे गये या पकड़े गये अपने सदस्यों के परिवार को धन उपलब्ध कराना जारी रखता है, तो यह उसके संभावित कैडर के लिए एक प्रेरणा का काम करता है।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, जेल में कैद आतंकवादियों और उनके परिवार को तथा मारे गये आतंकवादियों के परिवार को धन उपलब्ध कराना आतंकवाद का वित्त पोषण है। ’’

अदालत ने व्यापक साजिश में शामिल होने लेकर मोहम्मद शफी शाह, तालिब लाली, मुजफ्फर अहमद डार और मुश्ताक अहमद लोन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) और 121 ए (भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने) के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया।

उन पर गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के आतंकवाद से जुड़े प्रावधान भी लगाये गये हैं। अदालत ने कहा, ‘‘गवाहों ने कहा है कि ये धन विभिन्न लोगों, संगठनों और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने जुटाए थे।’’

अदालत ने कहा कि इस धन का इस्तेमाल हिज्बुल मुजाहिदीन की आतंकी गतिविधियों में किया गया था। अदालत ने कहा कि साक्ष्य से प्रथम दृष्टया यह स्थापित हुआ है कि भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की व्यापक साजिश रची गई थी।

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Web Title: J&K terror funding: Orders for framing of charges against four members of Hizbul Mujahideen

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