जम्मू कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (जेकेपीसी) ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने और जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के निर्णय को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है। सज्जाद लोन नीत जेकेपीसी ने अपने प्रवक्ता अदनान अशरफ के माध्यम से याचिका दायर कर राज्य में लगाए गए राष्ट्रपति शासन को ‘‘असंवैधानिक एवं निष्प्रभावी’’ करार देने का अनुरोध किया है।पार्टी ने कहा कि राज्य को जून 2018 से संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन के तहत रखा गया है। जेकेपीसी से पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस ने उच्चतम न्यायालय का रुख कर राज्य का संवैधानिक दर्जा बदले जाने के निर्णय को चुनौती दी थी। नेशनल कॉन्फ्रेंस की ओर से याचिका पार्टी के सांसद मोहम्मद अकबर लोन एवं न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) हसनेन मसूदी ने दायर की है।राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नौ अगस्त को उस कानून पर अपनी अनुमति प्रदान की थी जिसके तहत जम्मू कश्मीर को दो केन्द्रशासित क्षेत्रों..जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित करने प्रावधान है। यह कानून 31 अक्तूबर से प्रभावी होगा। 31 अक्तूबर को देश के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती है। आजादी के बाद करीब 565 रियायसतों का भारत संघ में विलय कराने में उनकी निर्णायक भूमिका थी।
राष्ट्रपति शासन के खिलाफ जेके पीपुल्स कॉन्फ्रेंस पहुंची सुप्रीम कोर्ट, आर्टिकल 370 को भी दी चुनौती
By भाषा | Updated: September 14, 2019 06:58 IST
जेकेपीसी से पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस ने उच्चतम न्यायालय का रुख कर राज्य का संवैधानिक दर्जा बदले जाने के निर्णय को चुनौती दी थी।
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ठळक मुद्देनेशनल कॉन्फ्रेंस की ओर से याचिका पार्टी के सांसद मोहम्मद अकबर लोन एवं न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) हसनेन मसूदी ने दायर की है। आजादी के बाद करीब 565 रियायसतों का भारत संघ में विलय कराने में उनकी निर्णायक भूमिका थी।