जम्मू: इस साल चाहे रिकार्ड तोड़ 20.5 लाख देसी पर्यटकों ने कश्मीर का दौरा किया था पर कश्मीरियों को सबसे ज्यादा खुशी विदेशी पर्यटकों के आने से हुई थी। चाहे विदेशी पर्यटकों की संख्या मुट्ठी भर ही थी। लेकिन अब कनाडा और अमेरीका द्वारा अपने नागरिकों पर जम्मू कश्मीर जाने पर लगाई गई पाबंदियों ने पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें फैला दी हैं।
इस साल कश्मीर में केवल 6200 ही विदेशी पर्यटन आए
आपको बता दें कि इस साल कोई ज्यादा विदेशी पर्यटक कश्मीर नहीं आए थे। इनकी संख्या मात्र 6200 ही थी। यह आंकड़ा ऊंट के मुंह में जीरे के समान ही थी जो जनवरी से जुलाई तक का ही है।
ऐसे में देसी पर्यटकों की संख्या के आगे विदेशी पर्यटक भारी इसलिए पड़ते थे क्योंकि जहां देसी पर्यटक 3 से 5 दिनों तक ही कश्मीर में रूकते थे तो विदेशी पर्यटक कम से कम दो सप्ताह और कभी कभी तीन महीने तक का कार्यक्रम बना कर आते थे और कश्मीर की खूबसूरत वादियों का नजारा लेते थे।
देसी के मुकाबले विदेशी पर्यटक ज्यादा करते थे कश्मीर में खर्चा
यही नहीं खर्च के मामले में भी विदेशी पर्यटक सबसे आगे माने जाते हैं। एक हाउसबोट चलाने वाले रियाज अहमद कहा कहना है कि देसी पर्यटकों का बजट कुछ भी नहीं होता है पर विदेशी पर्यटक जन्नत का नजारा लुटने के लिए लूटाने को भी तैयार रहते हैं।
यही कारण है कि कश्मीर में जब से आतंकवाद फैला है तबसे लेकर अब तक तत्कालीन सरकारों का जोर ज्यादा से ज्यादा विदेशी पर्यटकों को कश्मीर की ओर आकर्षित करना होता है। ऐसा इसलिए रहा था ताकि वे कश्मीर की अर्थव्यवस्था को ढर्रे पर लाने में योगदान दे सकें।
कनाडा और अमेरीका के पर्यटक नहीं आने से बढ़ी चिंता
यह बात अलग है कि इस साल जनवरी में यहां मात्र 260 विदेशी पर्यटकों ने कश्मीर का रूख किया था वह संख्या जुलाई के अंत तक आते आते 1793 पहुंच गई थी। जिसके साल के अंत तक 5 हजार से अधिक पहुंचने की उम्मीद तो थी पर अब कनाडा और अमेरीका जैसे देशों द्वारा अपने नागरिकों के कश्मीर की ओर जाने से आगाह किए जाने के उपरांत यह चिंता का कारण बन गया है।
यह भी एक सच है कि अभी भी कुछ अन्य देशों द्वारा अपने नागकिों की कश्मीर यात्रा प्रतिबिंधित है। इस प्रतिबंध को इतने सालों से हटवा पाने में भारत सरकार कामयाब नहीं हो पाई है।