जम्मू-कश्मीर: सीमावर्ती इलाकों में पाकिस्तान की ओर से दागे गए जीवित मोर्टर बाद में फटकर बन रहे मौत का कारण

By सुरेश डुग्गर | Published: September 19, 2019 08:41 PM2019-09-19T20:41:17+5:302019-09-19T20:41:17+5:30

जम्मू-कश्मीर में सीमावर्ती इलाकों के घरों से ऐसे जीवित मोर्टार मिल रहे हैं जो बाद में फटकर मौत का कारण बन रहे हैं। ये मोर्टार पाकिस्तान की ओर से दागे गए हैं। इन मोर्टर के फटने के डर से कई लोग घर छोड़कर पलायन कर गए हैं।

J&K: live mortars subsequent bursting fired by Pakistan in the border areas are cause of death | जम्मू-कश्मीर: सीमावर्ती इलाकों में पाकिस्तान की ओर से दागे गए जीवित मोर्टर बाद में फटकर बन रहे मौत का कारण

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

Highlightsपाकिस्तान की ओर से दागे गए मोर्टर बाद में फटकर मौत का कारण बन रहे हैं।सीमावर्ती इलाकों में कई लोगों को पाक के जीवित मोर्टार की वजह से घर छोड़कर पलायन करना पड़ा है।

जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में, चाहे वे इंटरनेशनल बार्डर से सटे हैं या फिर एलओसी से, पाक सेना द्वारा दागे जाने वाले मोर्टार के वे गोले मौत बिखेर रहे हैं जो अनफूटे हैं। हालांकि भारतीय सेना ने ऐसे बीसियों मोर्टार को निष्क्रिय किया है लेकिन खतरा अभी कायम है क्योंकि जमीन में घुस चुके अनफूटे मोर्टार किसी भी समय फूट सकते हैं।

आज भी भारतीय सेना ने पुंछ जिले के मेंढर उप-मंडल में बालाकोट सेक्टर के बसोटी और बालाकोट गांव में 9 जिंदा मोर्टार के गोलों को निष्क्रिय कर दिया। 

भारतीय सेना के जवानों ने 120 मिमी के 9 जीवित मोर्टार के गोलों को कार्रवाई कर फोड़ डाला था जो पाक सेना ने नागरिक ठिकानों को निशाना बनाते हुए दागे थे पर वे फूटे नहीं थे।

कल भी एलओसी से सटे राजौरी के बलनाई में दो मोर्टार को निष्क्रिय किया गया था। जबकि आज इंटरनेशनल बार्डर के हीरानगर सेक्टर के मनियारी और पंसर गांवों में भी कुछ मोर्टार को निष्क्रिय कर दिया।

दरअसल सीजफायर के बावजूद पाक सेना एलओसी और इंटरनेशनल बार्डर पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित 120 मिमी के मोर्टार को दाग रही है। उसके मोर्टार हमलों के निशााने सैनिक ठिकाने नहीं बल्कि नागरिक ठिकाने हैं। 

जानकारी के लिए 120 मिमी का मोर्टार अधिक दूरी तय करता है तथा एक बड़े इलाके को अपनी चपेट में ले लेता है।

सबसे अधिक चिंता इस कवायद की यह है कि पाक सेना जम्मू के इंटरनेशनल बार्डर को वर्किंग बाउंडरी का नाम देते हुए गोलाबारी को जारी रखे हुए है। यह बात अलग है कि भारतीय सेना जम्मू सीमा पर इंटरनेशनल नियमों का पालन करते हुए सिर्फ उसी समय अपनी बंदूकों के मुंह खोलती है जब पाक सेना नागरिक ठिकानों को निशाना बनाती है।

पिछले तीन दिनों से वह जम्मू फ्रंटियर के हीरानगर सेक्टर में कई गांवों को निशाना बना गोले दाग रही है तो सांबा में एक सप्ताह से गोलियों की बरसात रूकी नहीं है। नतीजा सामने है। लोग पलायन करने को मजबूर इसलिए भी हुए हैं क्योंकि कई घरों की छतों और दीवारों में घुस चुके मोर्टार के जीवित बम मौत से सामना करवा रहे हैं।

Web Title: J&K: live mortars subsequent bursting fired by Pakistan in the border areas are cause of death

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