अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू-कश्मीर सरकार ने शुरू किया ऑनलाइन पंजीकरण, यात्रियों को दी जाएगी बारकोड पर्चियां
By भाषा | Published: May 30, 2019 06:34 AM2019-05-30T06:34:36+5:302019-05-30T06:34:36+5:30
यात्रा दो मार्गों से शुरू होगी, जिसमें अनंतनाग का पारंपरिक पहलगाम मार्ग और गंदेरबल जिले का सबसे छोटा बालताल मार्ग शामिल है। अमरनाथ यात्रा 15 अगस्त को संपन्न होगी। इसी दिन देश में रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने बुधवार को अमरनाथ तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया की शुरुआत की। यह यात्रा एक जुलाई से शुरू होगी।
राज्यपाल के मुख्य सचिव और श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी उमंग नरूला ने बताया कि यह सुविधा 500 यात्रियों के प्रतिदिन दोनों मार्गों के लिए उपलब्ध रहेगी। इसे दोनों रास्तों पहलगाम मार्ग और बालटाल मार्ग के लिए शुरू किया गया है। इनसे से प्रत्येक मार्ग से 250-250 यात्री पंजीकरण करा सकेंगे।
एक अधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि इस ऑनलाइन प्रक्रिया का लाभ लेने के लिए तीर्थयात्रियों को अनिवार्य स्वास्थ्य प्रमाण पत्र अपलोड करना होगा।
अमरनाथ यात्रा के लिये सुरक्षा के कड़े इंतजाम, यात्रियों को दी जाएगी बारकोड पर्चियां
जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा के लिये सुरक्षा के इंतजाम कड़े कर दिये गए हैं। अधिकारी तीर्थयात्रियों को 'बारकोड' पर्चियां जारी करने पर विचार कर रहे हैं ताकि अमरनाथ गुफा से आने-जाने वाले लोगों की वास्तविक संख्या पर नज़र रखी जा सके।
तीर्थयात्रा की सुरक्षा के लिये जिम्मेदार केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) तीर्थयात्रियों और इससे जुड़े अन्य नागरिकों को लाने ले जाने वाले वाहनों पर उन्नत विद्युत चुम्बकीय चिप या आरएफआईडी (रेडियो-फ़्रीक्वेंसी आइडेंटिफ़िकेशन) टैग लगाएगा।
केन्द्र ने एक जुलाई से शुरू हो रही 46 दिवसीय यात्रा की सुरक्षा में केन्द्रीय बलों और राज्य पुलिस बल के 40,000 से ज्यादा जवानों को तैनात करने का फैसला लिया है।
यात्रा दो मार्गों से शुरू होगी, जिसमें अनंतनाग का पारंपरिक पहलगाम मार्ग और गंदेरबल जिले का सबसे छोटा बालताल मार्ग शामिल है। अमरनाथ यात्रा 15 अगस्त को संपन्न होगी। इसी दिन देश में रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाएगा।
सीआरपीएफ के महानिदेशक आर आर भटनागर ने पीटीआई-भाषा को बताया, "हम इस बार एक पायलट प्रोजेक्ट लेकर आएंगे और अमरनाथ तीर्थयात्रियों को बारकोडयुक्त यात्रा पर्चियां दी जाएंगी। इससे हमें अमरनाथ गुफा से आने-जाने वाले लोगों की वास्तविक संख्या पर नज़र रखने और सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।"