रांची: माओवादियों के ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो के सचिव व सात राज्यों के प्रमुख प्रशांत बोस उर्फ किशन दा उर्फ मनीष उर्फ बुढ़ा को पत्नी शीला मरांडी के साथ झारखंड के सरायकेला-खरसावां की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
प्रशांत बोस पर पुलिस ने एक करोड़ रूपये का इनाम घोषित कर रखा था. वह भाकपा माओवादी के पोलित ब्यूरो का सदस्य भी है. पुलिस सूत्रों ने प्रशांत बोस की गिरफ्तारी की पुष्टि की है. सूत्रों के अनुसार प्रशांत बोस पर ओडिशा, छत्तीसगढ, आंध्रप्रदेश और महाराष्ट्र सरकार ने भी इनाम घोषित कर रखा है.
महाराज प्रमाणिक की निशानदेही पर मिली कामयाबी
प्राप्त जानकारी के अनुसार सरायकेला के कुख्यात उग्रवादी महाराज प्रमाणिक की निशानदेही पर झारखंड पुलिस की टीम ने प्रशांत बोस को सरायकेला से दबोचा. पुलिस ने चांडिल व कांड्रा क्षेत्र के बीच एक घर से दोनों गिरफ्तार किया है.
पुलिस प्रशांत बोस व उनकी पत्नी से पूछताछ कर रही है. बताया जाता है कि पश्चिम बंगाल के 24 परगना स्थित जादवपुर निवासी प्रशांत बोस अपनी पत्नी के साथ गुरुवार की रात एक घर में ठहरे थे. इसकी जानकारी पुलिस को लग गई. गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस को दोनों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है.
प्रशांत बोस काफी बुजुर्ग हो चुके हैं. महाराज प्रमाणिक दो माह पहले झारखंड पुलिस के सामने अनधिकृत रूप से आत्मसमर्पण कर चुका है.
पुलिस, सीआरपीएफ एवं एनआईए थी खोज में
झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, छत्तीसगढ, आंध्रप्रदेश एवं महाराष्ट्र में हिंसा का तांडव मचा चुके प्रशांत बोस को दबोचने की मुहिम में पुलिस, सीआरपीएफ एवं एनआईए के आला अधिकारी से लेकर जवान तक लगे हुए थे. प्रशांत बोस पर बिहार को छोड़ सभी राज्यों में उन पर इनाम घोषित है.
ढाई साल पहले 80 साल के प्रशांत बोस को पक्षाघात का अटैक हुआ था. वह चलने-फिरने में बिल्कुल असमर्थ है. जिसके कारण पश्चिम सिंहभूम एवं ओड़िशा में फैले सारंडा जंगल के 'आजाद क्षेत्र' में उन्हें ले जाया गया, ताकि सुरक्षित रखा जा सके. प्रशांत बोस को कई नाम से जाना जाता है. इसे किसन दा, महेश आदि नाम से भी पुकारा जाता है.
बताया जाता है कि प्रशांत बोस ने असीम मंडल उर्फ आकाश को कोल्हान समेत पश्चिम बंगाल और ओडिशा में संगठन मजबूत करने की जिम्मेवारी सौंपी थी. पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने के बाद नक्सली एरिया कमांडर व 25 लाख का इनामी कान्हू मुंडा ने पुलिस को बताया था कि प्रशांत बोस माओवादी संगठन के सेंट्रल कमेटी के उप महासचिव हैं. कान्हू मुंडा ने गत 15 फरवरी को अपने दस्ते के सात सदस्यों के साथ आत्मसमर्पण किया था.