रांचीः राजद प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को झारखंड हाईकोर्ट से झटका लगा है। न्यायाधीश न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की अदालत में दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में जमानत खारिज कर दी।
इस कारण लालू प्रसाद यादव को फिलहाल जेल में ही रहना होगा। पिछली सुनवाई में अदालत ने लालू प्रसाद यादव के द्वारा काटी गई आधी सजा को लेकर सत्यापित प्रति सौंपने का निर्देश दिया था। दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में निचली अदालत ने लालू को सात साल की सजा सुनाई थी। खराब तबियत और सजा की आधी अवधि पूरी कर लेने का दावा करते हुए लालू की तरफ से जमानत की अर्जी दाखिल की गई थी।
अदालत ने कहा कि अभी आधी सजा में 50 दिन कम हैं। इस दौरान बहस में सीबीआई की ओर से लालू के दावे को गलत बताया गया। चारा घोटाले से संबंधित अन्य मामलों में लालू को पहले ही जमानत मिल चुकी है। केवल दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में मिली सजा के कारण वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
लालू यादव का इलाज दिल्ली एम्स में चल रहा है
न्यायिक हिरासत में ही लालू का इलाज दिल्ली के एम्स में चल रहा है। हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की अदालत में लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर आज सुबह से ही बहस शुरू हो गई थी। पहली पाली की सुनवाई में लालू की ओर से सजा अवधि पूरी किए जाने पर वकील कपिल सिब्बल ने बहस की, कोर्ट में आधी सजा काटने संबंधी दस्तावेज जमा कराया गया।
बताया जाता है कि अदालत में लगभग 4 घंटे तक चली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने प्रार्थी की ओर से तथा राजीव सिन्हा ने सीबीआई की ओर से दलीलें पेश कीं, दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत में जमानत देने से इनकार कर दिया और याचिका खारिज कर दी।
दुमका कोषागार से अवैध निकासी
रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत से लालू प्रसाद को चारा घोटाले के जिन चार मामलों में सजा मिली है, उसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में अपील याचिका दायर की थी। इसमें तीन मामलों में हाईकोर्ट ने उन्हें पहले ही जमानत दे दी है, दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में उनकी ओर जमानत देने का आग्रह किया था।
सुनवाई के दौरान केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई की ओर से लालू की सजा की आधी अवधि दो माह सात दिन कम होने संबंधी दावे के पक्ष में दलील और दस्तावेज दिये गए। वहीं, लालू यादव की जमानत याचिका खारिज होने के बाद उनके बेटे तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव सहित पूरे परिवार ने इस फैसले पर निराशा जताई है।
राजद के नेता-कार्यकर्ता और लालू समर्थक परेशान
बिहार में उनके समर्थकों में निराशा का माहौल है, जमानत याचिका खारिज होने से राजद के नेता-कार्यकर्ता और लालू समर्थक परेशान हो गए हैं। सभी लोग लालू यादव के जेल से छूटने की उम्मीद जता रहे थे. इधर पटना में राबड़ी देवी के आवास पर राजद के छोटे-बडे़ नेताओं का जमावड़ा लगा हुआ है। अपने नेता के जेल से बाहर नहीं निकल पाने से उनकी मायूसी साफ झलक रही है।
यहां बता दें कि चारा घोटाला में लालू प्रसाद यादव पर झारखंड में कुल पांच मामले चल रहे हैं, इनमें से चार मामलों में उन्हें सजा मिल चुकी है. लालू को पहले ही चाइबासा के दो एवं देवघर मामले में हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है, डोरंडा कोषागार मामले में अभी निचली अदालत में सुनवाई चल रही है।
झारखंड हाईकोर्ट में आज सुनवाई के दौरान जेल हिरासत में बिताई गई अवधि की गणना में सीबीआई की गणित में लालू प्रसाद यादव फंस गये. इस कारण उन्हें दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में जमानत नहीं मिल सकी, सीबीआई ने अपनी दलीलों से लालू के जेल से बाहर निकलने का रास्ता रोक दिया। अब ये जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। अब सभी की निगाहें लालू यादव की अगली रणनीति पर टिक गई हैं।