हेमंत सोरेन सरकार को गिराने में लगे हैं फल-सब्जी विक्रेता और ठेका मजदूर? झारखंड पुलिस की कार्रवाई पर उठे सवाल
By एस पी सिन्हा | Published: July 25, 2021 03:34 PM2021-07-25T15:34:59+5:302021-07-25T15:34:59+5:30
झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार को गिराने की कथित साजिश के तौर पर पुलिस ने जिन लोगों को पकड़ा है, उसे लेकर अब सवाल उठ रहे हैं. पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गए तीन शख्स मजदूर और सब्जी विक्रेता हैं.
रांची: झारखंड में जनता द्वारा चुनी गई सरकार को गिराने का काम अब दल या नेता नही बल्कि सब्जी बेचने वाले और ठेका मजदूर आदि कर रहे हैं. सत्ताधारी विधायकों की खरीद-फरोख्त कर झारखंड सरकार को गिराने (अपदस्थ करने) के आरोप में रांची की कोतवाली पुलिस ने शनिवार को जिन तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है, वे किसी दल के नही बल्कि मजदूर और सब्जी विक्रेता हैं.
ऐसे में झारखंड में सरकार गिराने की साजिश के मामले में शुरुआती साक्ष्यों पर विपक्ष के नेता और परिजन सवाल उठाने लगे हैं. विधायक की खरीद में महज दो लाख की बरामदगी की बात भी नहीं पच रही है. झारखंड में सरकार गिराने की साजिश के खुलासे के बाद सियासी गलियारे में हलचल शुरू हो गई है.
पक्ष-विपक्ष दोनों ने अपने-अपने तरीके से इसका आकलन कर रहे हैं. सत्तारूढ़ दल झामुमो और कांग्रेस इसे भाजपा पर जनता की चुनी हुई सरकार को अपदस्थ करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है. वहीं भाजपा नेताओं ने इस पर चुटकी लेते हुए कहा कि सरकार के भीतर के लोगों का कही सब किया-धराया है.
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी हेमंत ने कहा कि सरकार को इन लोगों को रिहा करना चाहिए और मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाना चाहिए.
'झारखंड में क्या 10-10 हजार में बिक रहे हैं विधायक'
बाबूलाल मरांडी कहा कि अब तो दो लाख में चार आदमी मिलकर झारखंड में विधायक खरीद रहे हैं. झारखंड में विधायकों की कीमत क्या मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 10 हजार लगा दिया है? बकरीद में तो बकरे की कीमत इससे कई गुना ज्यादा है. धन्य हैं मुख्यमंत्री, धन्य हैं विधायक और धन्य है पुलिस.
उन्होंने बेरमो के विधायक कुमार जयमंगल उर्फ अनूप सिंह के द्वारा की गई शिकायत पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या फल-सब्जी बेचनेवाला फाइव स्टार होटल में रुक सकता है? उनके मोबाइल पर कई नेताओं के फोन कैसे आये हैं?
वहीं, पुलिस के द्वारा की गई कार्रवाई पर आरोपितों के परिजन सवाल उठा रहे हैं. पुलिस के द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजा गया निवारण महतो बोकारो स्थित दुंदीबाद बाजार में कभी सब्जी तो कभी तारबूज बेचा करता है.
चिटाही के मूल निवासी निवारण विस्थापित इलाके के सामाजिक कार्यों में शामिल भी रहा है. 2019 के विधानसभा चुनाव में हिदुस्तान आवाम मोर्चा सेक्यूलर से चुनाव लड़ा था. इसे एक हजार नौ मत मिले थे. जबकि दूसरा व्यक्ति अमित सिंह भी बीएसएल, बोकारो में ठेका मजदूर के तौर पर काम करता है.
वहीं अभिषेक दुबे इंजीनियरिंग किया हुआ है. इसके पिता की पलामू के जपला में जनवितरण प्रणाली की दुकान है. इसके दादा गोरख दुबे जपला सीमेंट फैक्ट्री में काम करते थे.
निवारण महतो के रिश्तेदार सोनू ने कहा कि दोनों को गुरुवार को बोकारो से पुलिस ने उठाया था, जबकि अभिषेक दुबे की बहन भावना का कहना है कि इनके भाई को किसी ने फोन कर एक होटल में गुरुवार को बुलाया था. उसी समय पुलिस ने छापेमारी कर भाई को गिरफ्तार कर लिया.
यहां सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि झारखंड में सरकार गिराने का षड्यंत्र रचने के मामले में ट्रेनी दारोगा कमलेश राय को अनुसंधानकर्ता बनाया गया है, जबकि पुलिस मुख्यालय से स्पष्ट निर्देश है कि गंभीर प्रकृति के मामलों में खुद थाना प्रभारी या किसी वरीय पुलिस अफसर को अनुसंधानकर्ता बनाया जाये.
पुलिस अपने दावे पर कायम
वहीं, झारखंड सरकार को गिराने की साजिश व विधायकों की खरीद फरोख्त के मामले में पर्याप्त साक्ष्य होने का दावा पुलिस ने किया है. केस के आईओ कमलेश राय ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी को दिए आवेदन में दावा किया है कि गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर करने लायक साक्ष्य हैं.
पुलिस ने कोर्ट को बताया है कि अभियुक्तों द्वारा विधि द्वारा स्थापित राज्य सरकार को गिराने के प्रयत्न किए गए थे. इनके कई साथी घटनास्थल से भी सामान छोड़कर भागे हैं, जिन्हें पुलिस ने विधिवत जब्त किया है. अभियुक्तों के कबूलनामे का दावा भी पुलिस ने किया है. रांची के होटल लीलैक की सीसीटीवी जब्त कर इसे कोर्ट के समक्ष भी प्रस्तुत किया गया है.
पुलिस ने होटल के सीसीटीवी फुटेज भी पेन ड्राइव में लिया है, जबकि इनके साथी घटनास्थल पर तीन ट्रॉली बैग सहित अन्य सामान छोडकर भागने में सफल रहे. जिसे पुलिस ने जब्त किया है. गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से मामले में उपयोग किये गये मोबाइल और दो लाख रुपये बरामद किये गये हैं. पुलिस ने दावा किया है कि तीनों ने अपना अपराध स्वीकार किया है.
पुलिस के अनुसार स्थानीय विधायकों के साथ इनकी हवाई यात्रा के टिकट का पीएनआर नंबर बताया गया है. लेकिन विधायक के नाम का जिक्र नहीं किया गया है. इस मामले में कांग्रेस के बेरमो से विधायक जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह की शिकायत पर आइपीसी की धारा 419, 420, 124-ए, 120 बी, 34 और 171 (बी)आर.पी एक्ट एंड 8/9 पीसी एक्ट की धारा के तहत 22 जुलाई 2021 को कोतवाली थाना, रांची में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी.
यहां उल्लेखनीय है कि झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 में झामुमो, कांग्रेस और राजद के त्रिपक्षीय गठबंधन ने 81 में से 47 सीटों पर जीत हासिल की थी. इसके बाद झामुमो के हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली. वहीं, भाजपा सिर्फ 25 सीटें ही हासिल कर पाई थी. आरोप है कि वह अब विधायकों को तोडकर सरकार को गिराना चाहती है.