झारखंड में 'ऑपरेशन लोटस' का डर, टूटने के डर से सत्ताधारी दल के कुछ विधायकों को ले जाया गया रायपुर
By एस पी सिन्हा | Published: August 30, 2022 06:50 PM2022-08-30T18:50:49+5:302022-08-30T18:53:00+5:30
रांची एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मीडिया से रूबरू होकर कहा कि कोई अप्रत्याशित घटना नहीं घटने वाली है। उन्होंने कहा कि यह कोई आश्चर्यचकित करने वाली बात या नई परिपाटी नहीं है।
रांची:झारखंड में लाभ के पद के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द होने की आशंका और महागठबंधन के विधायकों में सेंधमारी का डर सता रहा है। महाराष्ट्र में हाल ही में शिवसेना में हुई टूट से सबक लेते हुए महागठबंधन के विधायकों को कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ ले जाया गया है।
रायपुर जाने वालों में यूपीए के कई विधायक शामिल हैं। हालांकि, इन विधायकों के साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन नहीं गए हैं। बताया जाता है कि झामुमो के कई अन्य विधायक भी नहीं गये हैं।
सूत्रों के मानें तो यूपीए के 32 विधायक सहित 35 नेता रांची एयरपोर्ट से इंडिगो की विशेष विमान से रायपुर के लिए लिए रवाना हुए हैं। सूचना आई है कि सत्ताधारी गठबंधन के झामुमो के 19, कांग्रेस के 12 और राजद के एक विधायक हीं रायपुर रवाना हुए हैं।
इनके अलावा कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर और संतोष पांडेय भी मौजूद हैं। ऐसा गठबंधन में किसी प्रकार की टूट से बचने के लिए किया जा रहा है। छत्तीसगढ में कांग्रेस की सरकार है और वहां किसी तरह की अन्य गतिविधि पर आसानी से निगरानी रखी जा सकेगी।
झारखंड के सत्ताधारी विधायक ऐसे समय पर राज्य से बाहर जा रहे हैं, जब एक कानून व्यवस्था को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। एक तरफ दुमका में अंकिता को जिंदा जला दिए जाने को लेकर आक्रोश है तो दूसरी तरफ पलामू में 50 महादलित परिवारों को उजाड़ दिए जाने को लेकर भाजपा हेमंत सरकार पर हमलावर है।
बताया जा रहा है कि रायपुर में मेयफेयर गोल्ड रिजॉर्ट की दो दिन की बुकिंग की गई है। होटल को हाई सिक्योरिटी जोन घोषित कर दिया गया है। सुरक्षा के लिए एक डीएसपी और दो इंस्पेक्टर के नेतृत्व में भारी तैनाती हुई है। हालांकि मंत्रिमंडल के साथियों को अभी रांची में ही रहने के लिए कहा गया है और उनके बारे में कोई निर्णय गुरुवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक के बाद लिया जाएगा।
इस बीच, रांची एयरपोर्ट पर यूपीए विधायक को छोड़ने पहुंचे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मीडिया से रूबरू होकर कहा कि कोई अप्रत्याशित घटना नहीं घटने वाली है।
उन्होंने कहा कि यह कोई आश्चर्यचकित करने वाली बात या नई परिपाटी नहीं है। हर परिस्थिति का सामना करने के लिए सत्तापक्ष तैयार है। कई बार रणनीति के तहत कार्य किया जाता है, उसी रणनीति का आपने छोटा सी झलक पहले देखी और आज भी देखी। आगे भी कई चीजों को देखेंगे कि षड्यंत्रकारियों को जवाब सत्ता पक्ष जवाब दे रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ विधायक बिकने के लिए तैयार रहते हैं, लेकिन ऐसे भी विधायक होते हैं, जो इसके लिए तैयार नहीं होते। उन्होंने कहा कि उन्हें कुर्सी का लालच नहीं है और इसलिए तनाव में नहीं है।
बता दें कि शनिवार (27 अगस्त) को भी ऐसी ही चर्चा थी कि यूपीए विधायकों को छत्तीसगढ़ ले जाया जा सकता है। हालांकि, उस दिन तीन वॉल्वो बसों से यूपीए के विधायक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ खूंटी जिला के कर्रा प्रखंड स्थित लतरातू डैम पहुंचे थे।
यहां कुछ घंटे की पिकनिक मनाने के बाद सभी विधायक देर शाम रांची लौट आये थे। चर्चा थी कि खूंटी, नेतरहाट होते हुए सभी विधायक छत्तीसगढ़ चले जायेंगे। लेकिन ऐसा हो नही सका और आज दूसरे रास्ते उन्हें ले जाया गया।