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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से झटका, ईडी के समन के खिलाफ नहीं दी राहत, कहा- "हाईकोर्ट जाएं"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: September 18, 2023 14:56 IST

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट ने ईडी द्वारा कथित अवैध खनन के मामले में भेजे समन के खिलाफ कोई भी राहत देने से इनकार कर दिया है।

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ठळक मुद्देझारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत सीएम सोरेन ईडी द्वारा भेजे समन के खिलाफ पहुंचे थे सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि रांची हाईकोर्ट में दीजिए ईडी के समन को चुनौती

नई दिल्ली: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट ने ईडी द्वारा कथित अवैध खनन के मामले में भेजे समन के खिलाफ कोई भी राहत देने से इनकार कर दिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सर्वोच्च अदालत में ईडी समन के खिलाफ याचिका दायर करके रोक लगाने की मांग की थी लेकिन कोर्ट ने सोमवार को उनकी याचिका को खारिज कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने सीएम सोरेन से कहा कि अगर उन्हें इस मामले में किसी भी तरह की राहत चाहिए तो रांची हाईकोर्ट जाना चाहिए क्योंकि उनकी याचिका का आधिकार क्षेत्र झारखंड हाईकोर्ट के अंतर्गत आता है।

समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने हेमंत सोरेन की ओर पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी से कहा, “आप हाईकोर्ट क्यों नहीं जाते? हम यहां सीधे इसे नहीं देख सकते हैं, आप रांची हाईकोर्ट जाएं।''

जबकि रोहतगी ने कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ ईडी की कार्यवाही दुर्भावनापूर्ण है और वह इसे साबित करने के लिए सबूत पेश कर सकते हैं। पीठ ने कहा कि आपको ईडी समन का मसला लेकर पहले झारखंड हाईकोर्ट जाना चाहिए था।

वकील रोहतगी ने अपनी ओर से कहा कि उन्होंने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 50 और 63 की संवैधानिक वैधता को भी चुनौती दी है, जो वर्तमान में विभिन्न मामलों में सु्प्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित थे।

रोहतगी की ओर से कोर्ट में पेश की गई तमाम दलीलों का विरोध करते हुए और ईडी की ओर से पक्ष रखते हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि हेमंत सोरेन पर ईडी द्वारा निरूद्ध की गई धाराओं को जुलाई 2022 में विजय मदनलाल चौधरी के मामलों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पहले ही बरकरार रखा जा चुका है।

हालांकि, पीठ ने इस मुद्दे पर कोई बात नहीं की और कहा, "हमारा मानना ​​है कि सब कुछ उच्च न्यायालय में शुरू होना चाहिए। यहां नहीं। इसलिए हम अपने आदेश में हेमंत सोरेन की याचिका खारिज करते हैं।

मालूम हो कि बीते रविवार को एजेंसी ने मुख्यमंत्री सोरेन को ताजा समन जारी करते हुए उन्हें 23 सितंबर को पेश होने को कहा है।इस समन से पूर्व ईडी ने सोरेन को 18 सितंबर को भी अपने समक्ष पेश होने के लिए बुलाया था, लेकिन सीएम उस दिन पेश नहीं हुए क्योंकि उस दिन यह मामला सुप्रीम कोर्ट में सूचीबद्ध था।

लेकिन सोरेन के वकील मुकुल रोहतगी के अस्वस्थ्य होने के कारण पिछले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में मामले पर बहस नहीं हुई और कोर्ट को सुनवाई 18 सितंबर तक बढ़ानी पड़ी थी।

टॅग्स :सुप्रीम कोर्टहेमंत सोरेनMukul Rohatgiप्रवर्तन निदेशालयenforcement directorateJharkhand High Court
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