Jharkhand Assembly: पूर्व मुख्यमंत्री मरांडी को नहीं इस विधायक को भाजपा ने विधायक दल नेता बनाया, जानें कौन हैं...
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 16, 2023 14:44 IST2023-10-16T14:41:21+5:302023-10-16T14:44:06+5:30
Jharkhand Assembly: पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी को 24 फरवरी 2020 को सर्वसम्मति से भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया था लेकिन अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो के समक्ष उनके खिलाफ दलबदल विरोधी याचिका लंबित होने के कारण अध्यक्ष ने उन्हें विपक्ष के नेता का दर्जा नहीं दिया।

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Jharkhand Assembly: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने चंदनक्यारी से विधायक अमर कुमार बाउरी को झारखंड विधानसभा में भाजपा विधायक दल का नेता नियुक्त किया है।
भाजपा की झारखंड इकाई के अध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी को 24 फरवरी 2020 को सर्वसम्मति से भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया था लेकिन अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो के समक्ष उनके खिलाफ दलबदल विरोधी याचिका लंबित होने के कारण अध्यक्ष ने उन्हें विपक्ष के नेता का दर्जा नहीं दिया।
महतो ने 30 अगस्त को मामले में सुनवाई समाप्त कर दी थी और अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। केन्द्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने रविवार को मरांडी को पत्र लिखा,‘‘ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने झारखंड राज्य भाजपा विधायक दल के नेता पद के चयन के लिए मुझे पर्यवेक्षक नियुक्त किया था... हमने अपनी रिपोर्ट उन्हें सौंप दी।
विचार करने के बाद उन्होंने विधायक अमर कुमार बाउरी को विधायक दल का नेता और विधायक जय प्रकाश पटेल को सचेतक बनाने पर सहमति दी है।’’ चौबे ने इससे पहले झारखंड विधानसभा में भाजपा के नए नेता के चुनाव के मुद्दे पर पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से जुलाई में मुलाकात की थी।
चौबे ने कहा,‘‘ मैं रांची में भाजपा की राज्य इकाई के कार्यालय गया जहां मैंने विधायकों के साथ बैठक की थी। इसके अलावा मैंने सबसे अलग-अलग राय भी मांगी थी।’’ मरांडी को जुलाई में राज्यसभा सदस्य दीपक प्रकाश के स्थान पर भाजपा की झारखंड इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
इससे पहले झारखंड सरकार ने उच्च न्यायालय को बताया था कि मरांडी को विधानसभा में विपक्ष का नेता नहीं बनाया जा सकता क्योंकि उनके खिलाफ दलबदल मामले पर कोई निर्णय नहीं हुआ है। राज्य सरकार की ओर से पेश हुए अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा था कि मरांडी ने 2019 का विधानसभा चुनाव झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) के उम्मीदवार के तौर पर लड़ा था और जीतने के बाद अपनी पार्टी का भाजपा में विलय कर दिया था।