झारखंड विधानसभा चुनाव: भाजपा ने फूंका चुनावी बिगुल, अध्यक्ष अमित शाह ने रघुवर दास के नेतृत्व पर लगाई मुहर
By एस पी सिन्हा | Updated: September 18, 2019 18:28 IST2019-09-18T18:28:20+5:302019-09-18T18:28:20+5:30
गृह मंत्री ने कहा कि झारखंड की जनता ने 2014 में पूर्ण बहुमत दिया. पूर्ण बहुमत की सरकार के कारण ही विकास संभव हुआ है. नक्सल मुक्त झारखंड बन रहा है. दिन दुनी रात चौगुनी विकास हो रहा है. झारखंड में अपार संभावना है.

आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अमित शाह का ये दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
केन्द्रीय गृहमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह आज एक दिवसीय दौरे पर झारखंड पहुंचे. इस दौरान उन्होंने झारखंड में विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंक दिया. उन्होंने आज झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के राजनीतिक गढ़ माने जाने वाले संताल परगना के जामताड़ा में भाजपा के जोहार जनआशीर्वाद यात्रा को शुरू करते हुए जनता से लोकसभा चुनाव की तरह ही आशीर्वाद मांगा. साथ ही यह विश्वास भी जताया कि झारखंड में एक बार फिर भाजपा पूर्ण बहुमत की बनेगी.
अमित शाह ने जामताड़ा के काली मंदिर मैदान में एक आमसभा को संबोधित किया, इससे पहले उन्होंने पार्टी की जन आशीर्वाद यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अमित शाह का ये दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. वैसे तो विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां पिछले कई महीने से जारी है, लेकिन औपचारिक तौर पर भाजपा ने आज से चुनावी बिगुल फूंक दिया है. पार्टी संथाल की धरती से प्रचार अभियान की शुरुआत करने जा रही है. यह इलाका भाजपा से अबतक अछूता रहा है.
अमित शाह ने जामताड़ा से चुनावी शंखनाद करते हुए विपक्ष पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि आज से जोहार जन आशीर्वाद यात्रा की शुरुआत हो रही है. ये यात्रा तीन चरणों में झारखंड की सभी विधानसभा क्षेत्रों में घूमेगी और राज्य में फिर एक बार भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनाकर रांची वापस लौटेगी. शाह ने कहा कि रघुवर दास जन आशीर्वाद के लिए निकले हैं. उधर केन्द्र में मोदी जी की सरकार आपने बनाई है. यहां भी दोबारा रघुवर दास जी की सरकार बनाइए. ये दोनों सरकारें मिलकर झारखंड को नंबर वन प्रदेश बना देंगी. साल 2004 से 14 के बीच कांग्रेस को केंद्र में 10 साल सरकार चलाने का मौका मिला. 13वें वित्त आयोग में कांग्रेस ने मात्र 55,200 करोड रुपये झारखंड को दिए. जबकि मोदी जी ने 14वें वित्त आयोग में 1,45,345 करोड रुपये झारखंड को देने का काम किया.
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि मोदी जी ने अनुच्छेद 370 हटाकर कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाया, तो विपक्षियों को परेशानी होने लगी. कांग्रेस, झामुमो ने संसद में इसके विरोध में वोट किया. राहुल गांधी को स्पष्ट करना चाहिए कि वे 370 हटाने के पक्ष में हैं या विरोध में. उन्होंने कहा कि जब हम सर्जिकल स्ट्राइक करते हैं तो राहुल गांधी विरोध करते हैं. एयर स्ट्राइक करते हैं, तो प्रमाण मांगते हैं. जेएनयू में भारत विरोधी नारे लगते हैं, तो वे उनके साथ जाकर खड़े हो जाते हैं. अब तय कर लें और देश की जनता को बताएं कि वे किस दिशा में जाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि सिद्धो कान्हू की धरती से जोहार जन आशीर्वाद यात्रा तीन चरणों में पूरे प्रदेश घूमकर रांची पहुंचेगी. उन्होंने कहा-यह बाबा बैद्यनाथ की धरती है. मां चंचला की भूमि है. स्वतंत्रता संग्राम यही से आरंभ हुई थी. इसके बाद कांग्रेस पर हमला शुरू किया. उन्होंने कहा कि झारखंड अलग राज्य की मांग थी. कांग्रेस ने नही दिया. अटल बिहारी वाजपेयी ने अलग राज्य बनाया. प्रधानमंत्री मोदी ने झारखंड को संवारने का काम किया है. यह डबल ईंजन की सरकार के कारण संभव हुआ क्योंकि ऊपर मोदीजी की सरकार है और नीचे रघुवर दास की. 2014 में बहुतम वाली सरकार रघुवर दास के नेतृत्व में सरकार बनी. पहले झारखंड नक्सलवाद से ग्रसित था और आज नक्सलवाद से मुक्त है.
गृह मंत्री ने कहा कि झारखंड की जनता ने 2014 में पूर्ण बहुमत दिया. पूर्ण बहुमत की सरकार के कारण ही विकास संभव हुआ है. नक्सल मुक्त झारखंड बन रहा है. दिन दुनी रात चौगुनी विकास हो रहा है. झारखंड में अपार संभावना है. उन्होंने कहा कि अगर झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा बहुमत प्राप्त कर सत्ता में लौटती है तो रघुवर दास ही मुख्यमंत्री बनेगें. उन्होंने कहा-रघुवर दास के नेतृत्व में झारखंड में पांच साल में बहुत काम हुआ है. अगले पांच साल में बहुत काम काम करना है. भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनाइए. रघुवर दास को आशीर्वाद दीजिए.
यहां बता दें कि जोहार जन आशीर्वाद यात्रा के पहले फेज में मुख्यमंत्री रघुवर दास संथाल की सभी 18 सीटों का दौरा करेंगे और केंद्र के साथ-साथ अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाकर जनता से आशीर्वाद मांगेंगे. मुख्यमंत्री 19 से 24 सितंबर तक संथाल का दौरा करेंगे. दरअसल, भाजपा को 65 प्लस का लक्ष्य पाने के लिए संथाल फतह करना होगा. इस लिहाज से यहां की 18 सीटों महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं. वैसे पारंपरिक रूप से संथाल की सीटों पर झामुमो और कांग्रेस का दबदबा रहा है. वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव के नतीजे पर नजर डालें, तो यहां भाजपा को 7, झामुमो को 6, कांग्रेस को 3 और झाविमो को 2 सीटें मिली थीं. बाद में झाविमो के टिकट पर सारठ से विधायक बनने वाले रणधीर सिंह भाजपा में शामिल हो गये थे. इसके बदले उन्हें रघुवर सरकार में मंत्री बनाया गया था.
2014 में संथाल की राजमहल, बोरियो, दुमका, मधुपुर, देवघर, गोड्डा और महागामा में भाजपा का कमल खिला था. वहीं बरहेट, लिट्टीपाड़ा, महेशपुर, शिकारीपाडा, जामा, नाला की सीटें झामुमो के पाले में गई थीं. कांग्रेस को पाकु्ड, जरमुंडी और जामताडा सीट पर कामयाबी मिली थी. जबकि पोडैयाहाट और सारठ पर झाविमो को जीत मिली थी. हालांकि बाद में सारठ के विधायक भाजपा में चले गये थे.
वहीं, लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों पर नजर डालें, तो संथाल की तीन सीटों में से दो पर भाजपा की जीत दर्ज हुई. जबकि एक सीट झामुमो के पाले में गई. झामुमो का किला माने जाने वाली दुमका सीट पर पार्टी प्रमुख शिबू सोरेन भाजपा उम्मीदवार से हार गये थे. लिहाजा भाजपा को उम्मीद है कि विधानसभा चुनाव में दुमका जिले के सभी चारों विधानसभा सीटों पर कमल खिलेगा. 2014 में भाजपा ने मात्र एक सीट दुमका जीती थी. ऐसे में 65 प्लस के लक्ष्य को पाने के लिए भाजपा का मेन फोकस संथाल और कोल्हान पर है. यही वजह है कि संथाल के बाद जन आशीर्वाद यात्रा कोल्हान में जाएगी.