झारखंड: रेप, मानव तस्करी जैसे अपराधों का शिकार रहीं 52 अनाथ लड़कियों को नहीं मिल रहा कस्तूरबा स्कूल

By एस पी सिन्हा | Updated: August 27, 2019 20:59 IST2019-08-27T20:59:30+5:302019-08-27T20:59:49+5:30

झारखंड के गुमाल जिले में रेप और मानव तस्करी जैसे कई भयावह अपराधों का शिकार रहीं पचास से ज्यादा लड़कियां पढ़-लिखकर कुछ करना चाहती हैं लेकिन कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय स्कूल में नामांकन नहीं हो पाने से उनके सपनों पर पानी फिर रहा है।

Jharkhand: 52 orphan girls victims of crimes like rape human trafficking are not getting kasturba School | झारखंड: रेप, मानव तस्करी जैसे अपराधों का शिकार रहीं 52 अनाथ लड़कियों को नहीं मिल रहा कस्तूरबा स्कूल

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (Image Source: pixabay)

झारखंड के गुमला जिले में दुष्कर्म, बाल विवाह, मानव तस्करी की शिकार, अनाथ व गरीबी में जी रही 52 लड़कियों का कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय स्कूल में नामांकन नहीं होने का मामला सामने आया है. ये लड़कियां पांच महीने से नामांकन के लिए कस्तूरबा स्कूल, सीडब्ल्यूसी व डालसा (जिला विधिक प्राधिकार) कार्यालय का चक्कर लगा रही  हैं. लेकिन शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण उनका नामांकन नहीं हो पा रहा.
 
प्राप्त जानकारी के अनुसार 2019 के मार्च व अप्रैल में सीडब्ल्यूसी व डालसा (जिला विधिक प्राधिकार) द्वारा 52 लड़कियों की सूची शिक्षा विभाग को सौंपी गई थी. सूची में उन लड़कियों का नाम, पता व पिता का नाम अंकित है. साथ ही किस कारण से लड़कियों का कस्तूरबा स्कूल में नामांकन लेना है. इसकी भी जानकारी दी गई है. इसके बाद भी शिक्षा विभाग इन लड़कियों के नामांकन में देरी कर रहा है.

दुष्कर्म की शिकार लड़कियों का कहना है कि वह सभी पांच महीने से कस्तूरबा स्कूल में नामांकन के लिए भटक रही हैं. इनमें कई अनाथ भी हैं. सभी पढ़ना चाहती हैं. वह सभी प्रशासन मदद की मांग भी कर रही हैं. इन सभी का कहना है कि ये सभी पढ़-लिखकर अपनी अलग पहचान बनाना चाहती हैं. वहीं अनाथ बच्ची ने कहा कि मेरे माता-पिता नहीं हैं. नामांकन होने पर मैं पढ़ूंगी. जीवन में आगे बढ़ूंगी. 

वहीं, गुमला के जिला शिक्षा पदाधिकारी, सुरेंद्र पांडेय ने कहा कि जब सूची आई है तो नामांकन हो जाना चाहिए था. अगर नामांकन नहीं हुआ है तो मैं इसकी जांच करा लेता हूं. सूची में जिन छात्राओं का नाम है. उनका नामांकन कस्तूरबा स्कूल में जरूर होगा. जबकि गुमला की सीडब्ल्यूसी, सदस्य सुषमा देवी ने कहा कि गुमला जिले के 10 प्रखंडों में स्थित 10 कस्तूरबा स्कूलों में नामांकन के लिए 52 लड़कियों की सूची शिक्षा विभाग को दी गयी है. वर्ग छह से वर्ग 11वीं तक में नामांकन लेना है, परंतु एक भी लड़की का नामांकन नहीं हुआ है. डर है कि कहीं दोबारा ये लड़कियां मानव तस्करी का शिकार न हो जाये.

Web Title: Jharkhand: 52 orphan girls victims of crimes like rape human trafficking are not getting kasturba School

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