JDU National Executive Meeting: जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष का पद मिलते ही संजय झा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर संदेहास्पद टीका-टिप्पणी करने वालों को ही आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे नेता और हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुझे बहुत बड़ी जिम्मेदारी दी है। मैं उनका आभारी हूं और नीतीश कुमार ने बिहार को बदल दिया है। वह चुनाव बिहार में जो हुआ उससे पता चला कि हमने 40 में से 30 सीटें जीतीं, हमने 243 में से 177 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की।
20 साल बिहार में सरकार चलाने के बाद भी आज भी...
संजय झा ने कुछ पुरानी टिप्पणियों को लेकर आड़े हाथों लेते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान एक वर्ग द्वारा नीतीश कुमार के खत्म हो जाने की बातें कही जाती थी। लोकसभा के चुनाव परिणाम ने उन तमाम लोगों को झटका दिया है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के करीब 20 साल बिहार में सरकार चलाने के बाद भी आज भी उनके खिलाफ एंटी एन्क्म्बेसी नहीं है।
झारखंड विधानसभा चुनाव में उतरेगी
चुनाव परिणाम से यह साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि जदयू के संगठन को विस्तार देने के लिए पार्टी इस वर्ष होने वाले झारखंड विधानसभा चुनाव में उतरेगी। संजय झा ने कहा कि झारखंड में हम अकेले चुनाव लड़ेंगे या गठबंधन का हिस्सा होंगे यह समय आने पर तय कर लिया जायेगा। हम लोग उनसे बात करेंगे।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में एक प्रस्ताव लाया गया
वहीं बिहार के लिए विशेष श्रेणी के सवाल पर उन्होंने कहा कि जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में इसे लेकर एक प्रस्ताव लाया गया। हमारी पार्टी चाहती है कि बिहार को विशेष श्रेणी मिले या फिर राज्य के लिए विशेष पैकेज जारी किया जाए। बिहार में जाति गणना रिपोर्ट आने के बाद ओबीसी, ईबीसी और एससी-एसटी के लिए आरक्षण की सीमा बढ़ाने के नीतीश सरकार के निर्णय को पटना हाईकोर्ट द्वारा निरस्त करने पर उन्होंने कहा कि हम लोग इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जायेंगे।
2012 में जदयू में शामिल हो गए
झा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा बिहार पर ध्यान दिया है और उम्मीद जताई कि राज्य के लिए विशेष श्रेणी का दर्जा या पैकेज की पार्टी की मांग पूरी की जाएगी। बता दें कि संजय कुमार झा ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत भाजपा के साथ की थी। इसके बाद साल 2012 में जदयू में शामिल हो गए।
बिहार की दरभंगा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा
दो साल बाद उन्होंने पार्टी के टिकट पर बिहार की दरभंगा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन वह हार गए। उस वक्त जदयू अकेले लोकसभा चुनाव में उतरी थी। जदयू में आने के बाद संजय झा बेहद कम समय में नीतीश कुमार के करीबियों में शामिल हो गए। नीतीश कुमार के साथ सरकार में मंत्री के रूप में काम करने के साथ ही पार्टी संगठन पर भी झा की नजर रहती।
नीतीश कुमार जब वर्ष 2014 में बिहार में एनडीए से अलग होकर चुनाव में उतरे और फिर 2015 बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश ने लालू यादव के साथ मिलकर चुनाव लड़ा तो उसके बाद 2017 में जदयू की फिर से एनडीए में वापसी में संजय झा ने अहम् भूमिका निभाई। इसका खुलासा खुद जदयू के पूर्व अध्यक्ष ललन सिंह ने 2022 में किया था।
लालू यादव के साथ महागठबंधन में आ गए
जब नीतीश कुमार एनडीए से अलग होकर फिर से लालू यादव के साथ महागठबंधन में आ गए थे। वहीं 2024 में फिर से जदयू की एनडीए में वापसी में संजय झा को मुख्य सूत्रधार माना गया। ऐसे में पार्टी और सरकार में मजबूत पकड़ के साथ ही भाजपा के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करने वालों में संजय झा की प्रमुख भूमिका रही है।
राजनीतिक करियर की शुरुआत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से की थी
कार्यकारी अध्यक्ष पद पर अपनी नियुक्ति के बाद झा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिहार पर हमेशा ध्यान देते हैं और उम्मीद है कि विशेष दर्जे या पैकेज की (राज्य की) मांग पूरी होगी। बिहार सरकार में जल संसाधन मंत्री रह चुके झा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से की थी। बाद में, वह जद (यू) में शामिल हो गए।
वह जद(यू) के राष्ट्रीय महासचिव और राज्य योजना परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं। नीरज कुमार ने कहा कि पार्टी ने राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) प्रश्नपत्र लीक मामले में आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने तथा परीक्षा में गड़बड़ी पर अंकुश लगाने के लिए संसद में कठोर कानून पारित करने की मांग की।
झा को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करने का निर्णय महत्वपूर्ण
झा को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करने का निर्णय महत्वपूर्ण है, क्योंकि उन्हें भाजपा नेतृत्व के साथ अच्छे समीकरण के लिए जाना जाता है। वह राज्यसभा में पार्टी के नेता भी हैं। कभी भाजपा के दिवंगत नेता अरुण जेटली के करीबी रहे झा को जद(यू) का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाये जाने के बाद उन अटकलों को भी विराम लगने की संभावना है।
जिनमें अक्सर यह दावा किया जाता रहा है कि नीतीश कुमार कभी भी पाला बदल सकते हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने पत्रकारों से कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश कुमार ने घोषणा की कि वह अब हमेशा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा बने रहेंगे और उनके कहीं इधर-उधर जाने का सवाल ही नहीं उठता।
पार्टी सूत्रों ने कहा कि झा भाजपा से अच्छा तालमेल रखने और दोनों दलों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखने के लिए उपयुक्त हैं। बिहार के मुख्यमंत्री एवं जद (यू) अध्यक्ष नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री ललन सिंह और रामनाथ ठाकुर तथा देशभर के अन्य वरिष्ठ नेता दिल्ली में आयोजित बैठक में शामिल हुए।