'पाकिस्तानी आतंकियों से निपटने के लिए सेना में भर्ती करो 30% मुस्लिम', जदयू नेता गुलाम रसूल बलियावी ने दिया विवादित बयान
By शिवेंद्र राय | Updated: February 14, 2023 11:34 IST2023-02-14T11:33:10+5:302023-02-14T11:34:46+5:30
2014 से 2022 तक जनता दल यूनाइटेड के एमएलसी रहे गुलाम रसूल बलियावी ने बिहार के नवादा में इदारा-ए-शरिया द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि लोहे को लोहा काटता है, गाजर नहीं। बलियावी ने कहा कि पाकिस्तानी आतंकवादियों से निपटना है तो सेना में 30 प्रतिशत मुसलमान युवाओं को भर्ती किया जाए।

2014 से 2022 तक जनता दल यूनाइटेड के एमएलसी रहे गुलाम रसूल बलियावी
पटना: जनता दल यूनाइटेड के पूर्व एमएलसी गुलाम रसूल बलियावी एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। बलियावी ने इस बार भारतीय सेना की तुलना गाजर से की है और कहा है कि अगर पाकिस्तानी आतंकवादियों से निपटना है तो सेना में 30 प्रतिशत मुसलमान युवाओं को भर्ती किया जाए।
बिहार के नवादा में इदारा-ए-शरिया द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में गुलाम रसूल बलियावी ने कहा, "मैंने पार्लियामेंट में भी कहा था, अब भी कह रहा हूं। पीएम से भी कह रहा हूं। लोहे को लोहा काटता है, गाजर नहीं। अगर पाकिस्तान के आतंक से निपटने में आपको डर लग रहा है तो फौज में सिर्फ 30 फीसदी मुसलमान के बच्चों को जगह दे दो। हमें अपने बाप-दादा की तारीख याद है। हमें मालूम है कि अपने वतन के लिए क्या करना है।"
बलियावी ने आगे कहा, "जब पाकिस्तान मिसाइल बनाकर भारत को आंखे दिखा रहा था तो नागपुर से कोई बाबा जवाब देने नहीं आए थे। मुसलमान के बेटे एपीजे अब्दुल कलाम ने जवाब दिया था। भारत का मुसलमान महसूस कर रहा है कि जिस तरह दलित एक्ट बना है उसी तरह भारत में मुस्लिम सेफ्टी एक्ट बने।"
बता दें कि जदयू नेता बलियावी ने मुस्लिम सेफ्टी एक्ट की बात पहली बार नहीं की है। पहले भी इस एक्ट की मांग करते हुए वह विवादित बयान दे चुके हैं। बलियावी पिछली बार सुर्खियों में तब आए थे जब उन्होंने 19 जनवरी 2023 को हजारी बाग में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि आगर हमारे आका (पैगंबर मोहम्मद साहब) की इज्जत पर हाथ डालोगे तो शहरों को कर्बला बना देंगे। गुलाम रसूल बलियावी ने बयान भाजपा की निष्काषित प्रवक्ता नुपूर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद साहब पर की गई विवादित टिप्पणी के संदर्भ में दिया था।
2014 से 2022 तक जनता दल यूनाइटेड के एमएलसी रहे गुलाम रसूल बलियावी के बयान पर राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया भी आने लगी है। बिहार भाजपा के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा, "अगर गुलाम रसूल बलियावी को मुसलमानों की इतनी ही चिंता है तो उन्हें 80 फीसदी पसमांदा मुसलमानों को उनकी संख्या के अनुपात में उचित सम्मान, न्याय और भागीदारी देने के लिए धार्मिक सुधार आंदोलन चलाना चाहिए।"