बिहार: समान नागरिक संहिता और सीबीएसई के पाठ्यक्रम में हुए परिवर्तन पर जेडीयू की बीजेपी से अलग राय, शिक्षामंत्री ने बदलाव को बताया दुर्भाग्यपूर्ण
By एस पी सिन्हा | Updated: April 26, 2022 17:41 IST2022-04-26T17:39:12+5:302022-04-26T17:41:45+5:30
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सीबीएससी की तरफ से पाठ्यक्रम में किये गये बदलाव पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा है कि देश के इतिहास को पाठ्यक्रम से बदला जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।

बिहार: समान नागरिक संहिता और सीबीएसई के पाठ्यक्रम में हुए परिवर्तन पर जेडीयू की बीजेपी से अलग राय, शिक्षामंत्री ने बदलाव को बताया दुर्भाग्यपूर्ण
पटना: बिहार में एनडीए की सरकार में भाजपा और जदयू भले ही साथ नजर आते हों, लेकिन दोनों पार्टियों में किसी मुद्दे पर एक मत शायद ही नजर आता है। विशेष राज्य का सवाल हो या जातिगत जनगणना की बात। कई ऐसे दूसरे मुद्दे हैं, जिनपर दोनों पार्टियों के नेता एक दूसरे के खिलाफ बयान देते हैं।
अब समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर दोनों दलों के नेता आर-पार के मूड में दिखाई देने लगे हैं। माना जा रहा है कि संसद के मानसून सत्र में सरकार इससे जुड़ा बिल पेश कर सकती है। ऐसे में जदयू किसी भी हद तक जाने को तैयार दिख रही है। समान नागरिक संहिता को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भोपाल में दिये बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नीतीश के बेहद करीबी कहे जानेवाले शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा है कि जदयू इस मुद्दे पर नजर बनाये हुए।
उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि जब समान नागरिक संहिता लाया जाएगा तो जदयू अपना रुख साफ करेगी। यह पूछे जाने पर कि क्या जदयू भाजपा के सामने ऐसे मसलों पर बोलने से डरती है? इसपर उन्होंने कहा कि हम किसी से डरने वाले नहीं हैं। सरकार को कानून का मसौदा सामने लाने दीजिए, बिल देखने के बाद जदयू इसपर स्टेंड लेगा।
कहा जा रहा है कि संसद के मानसून सत्र में सरकार इससे जुड़ा कानून पेश कर सकती है। ऐसे में जदयू की ओर से प्रतिक्रिया स्वभाविक है, क्योंकि रामजन्म भूमि, धारा 370 और समान अचार संहिता (यूनिफॉर्म सिविल कोड) यही तीन ऐसे मुद्दे रहे हैं, जिसे किनारा कर के एनडीए का गठन हुआ था। जदयू आज एनडीए का सबसे पुराना साथी है। इन तीन में से दो पर भाजपा ने काम पूरा कर लिया है। लेकिन तीसरे मुद्दे पर अब भाजपा निर्णायक स्थिति में आ चुकी है।
इस बीच, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सीबीएससी की तरफ से पाठ्यक्रम में किये गये बदलाव पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा है कि देश के इतिहास को पाठ्यक्रम से बदला जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। शिक्षा मंत्री ने कहा है कि हम इससे इत्तेफाक नहीं रखते, मैंने अपनी बात सीबीएससी तक पहुंचा दी है।
शिक्षा मंत्री ने सीधा ऐलान कर दिया है कि बिहार में केंद्र सरकार द्वारा पाठ्यक्रम में किए बदलाव को लागू नहीं किया जाएगा। चौधरी के मुताबिक केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा 10वीं, 11वीं और 12वीं के पाठ्यक्रम में बदलाव को बिहार नहीं अपनाएगा। सीबीएसई पाठ्यक्रम में बदलाव पर आपत्ति जताते हुए कहा कि जो बदलाव किया गया है, उसका कोई औचित्य नहीं है।
शिक्षा मंत्री ने नए बदलाव को लेकर कहा कि मुगल शासन काल इतिहास का अविभाज्य हिस्सा है, इसे निकालने का कोई मतलब नहीं है। इसकी जानकारी सभी लोगों को दी जानी चाहिए। इतिहास को यदि हम दरकिनार कर देंगे तो आगे के लिए हम पुरानी सीख का फायदा नहीं उठा पाएंगे। गुट निरपेक्ष आंदोलन को भी निकालना उचित नहीं है।