जावड़ेकर ने ‘टीआरपी-केन्द्रित’ पत्रकारिता की निंदा की

By भाषा | Published: November 23, 2020 08:17 PM2020-11-23T20:17:45+5:302020-11-23T20:17:45+5:30

Javadekar condemns 'TRP-centered' journalism | जावड़ेकर ने ‘टीआरपी-केन्द्रित’ पत्रकारिता की निंदा की

जावड़ेकर ने ‘टीआरपी-केन्द्रित’ पत्रकारिता की निंदा की

नयी दिल्ली, 23 नवम्बर केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ‘‘टीआरपी-केंद्रित पत्रकारिता’’ को अस्वीकार करते हुए कहा कि 50 हजार घरों में लगाये गये मीटर करोड़ों लोगों की राय को तय नहीं कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में प्रेस की स्वतंत्रता को किसी भी कीमत पर बनाये रखा जाना चाहिए, लेकिन मीडिया को यह याद रखना चाहिए कि स्वतंत्रता जिम्मेदारी के साथ आती है।

जावड़ेकर ने भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘टीआरपी-केंद्रित पत्रकारिता अच्छी नहीं है। पचास हजार घरों में स्थापित मीटर 22 करोड़ की राय को माप नहीं सकते। हम इसकी परिधि का विस्तार करेंगे ताकि हम जान सकें कि लोग क्या देखते हैं और वे क्या देखना चाहते हैं।’’

उन्होंने मीडिया के छात्रों को सनसनीखेज या टीआरपी-केंद्रित पत्रकारिता के जाल में नहीं फंसने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि वे स्वस्थ पत्रकारिता के गुर सीखें और समाज में जो कुछ अच्छा काम हो रहा है उसे भी समाचार मानकर लोगों तक पहुंचाएं।

जावड़ेकर ने शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए आईआईएमसी के उन्मुखीकरण (ओरिएंटेशन) कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा कि लोगों को डिजिटल प्रौद्योगिकी के माध्यम से शिक्षा क्षेत्र में उभर रहे बदलाव का स्वागत करना चाहिए और इससे लाभ प्राप्त करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि मीडिया की आजादी लोकतंत्र का महत्वपूर्ण आयाम है और इसे संभालकर रखना है।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि स्वतंत्रता जिम्मेदारी के साथ आती है। इसलिए हम में से हर एक को जिम्मेदार होना होगा। पत्रकार के रूप में आप खबर के हर पहलुओं को समझते हैं, लेकिन आपकी रिपोर्टिंग ऐसी हो जो समाज को सही दिशा में ले जाये ।’’

मंत्री ने कहा कि पत्रकारिता एक जिम्मेदारी है, ‘‘लोगों को गुमराह करने का यंत्र नहीं है।’’

जावड़ेकर ने कहा कि पत्रकारिता का पहला सबक यह है कि लोगों के जीवन को प्रभावित करने वाली हर चीज समाचार है और इसे मीडिया में पर्याप्त जगह मिलनी चाहिए।

इस संबंध में, उन्होंने केंद्र सरकार की कई योजनाओं की जानकारी दी जिन्होंने नागरिकों की मदद की है।

मंत्री ने कहा कि लगभग दो लाख गांवों में ‘फाइबर कनेक्टिविटी’ ने ग्रामीण क्षेत्रों के लाखों लोगों के जीवन को बदल दिया है।

इस ऑनलाइन कार्यक्रम में आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी, अपर महानिदेशक के. सतीश नम्बूदिरिपाड सहित आईआईएमसी के सभी केंद्रों के संकाय सदस्य एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

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Web Title: Javadekar condemns 'TRP-centered' journalism

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