जम्मू: अखबारों में छपे रोहिंग्या मुसलमानों को बाहर निकालने के विज्ञापन, बताया ‘टाइम बम’

By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: March 5, 2018 01:15 PM2018-03-05T13:15:18+5:302018-03-05T13:15:18+5:30

रिपोर्ट के अनुसार जम्मू के अखबारों में ये विज्ञापन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और नेशनल पैंथर्स पार्टी जैसे संगठनों ने छपवाया।

in Jammu for Rohingya eviction, ads in newspapers | जम्मू: अखबारों में छपे रोहिंग्या मुसलमानों को बाहर निकालने के विज्ञापन, बताया ‘टाइम बम’

जम्मू: अखबारों में छपे रोहिंग्या मुसलमानों को बाहर निकालने के विज्ञापन, बताया ‘टाइम बम’

जम्मू में बांग्लादेश से आकर रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर चल रही उथल पुथल ने नया मोड़ ले लिया है। जम्मू के स्थानीय अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित करवा कर रोहिंग्या मुस्लमानों को बाहर करने की माँग की गई है। खबर के अनुसार चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और नेशनल पैंथर्स पार्टी जैसे संगठनों ने इस विज्ञापन को पेश किया है। रोहिंग्या मुसलमानों को इन विज्ञापनों में "टाइम बम" बताया गया है।इन विज्ञापनों में कहा गया है कि ये जम्मू के लिए खतरा हैं।  एक विज्ञापन में लिखा है, ‘रोहिंग्या: टिक-टिक करते टाइम बम हैं। जम्मू को बचाने के लिए इन्हें बाहर निकाला जाए। इनके कारण शांति पसंद करने वाले जम्मू वासियों को काफी परेशानी हो रही है। जम्मू को बचाने के लिए एक होना जरूरी है।

 ये विज्ञापनों समाचारपत्रों में कुछ खास संगठनों मे पेश किया है। इससे पहले इनके खिलाफ जम्मू में पैंथर्स पार्टी ने प्रदर्शन भी किया था। जम्मू से रोहिंग्या मुसलमानों को बाहर निकालने की कोशिश पिछले कई दिनों कोशिश की जा रही है। अब विज्ञापन के जरिए लोगों से अपील करने की कवायद 10 फरवरी को हुए जम्मू में हुए आतंकी हमले के बाद से शुरू की गई है। इस हमले में तीन आतंकियों ने सुजवां मिलिट्री स्टेशन के अंदर एक परिवार के ऊपर हमला कर दिया था। इस हमले में 6 जवान शहीद हुए थे तो 1 नागरिक की मौत हो गई थी। इस मिलिट्री स्टेशन के पास बहुत से रोहिंग्या मुसलमान रह रहे हैं।

वहीं चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने कहा कि वह रोहिंग्या मुसलमानों के निष्कासन के पक्ष में तो हैं, लेकिन फिलहाल वह इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। इन विज्ञापमों के आने के बाद से कई तरह के कयास भी लगाए जाने लगे हैं।

रोहिंग्या मुसलमान मूलतः म्यांमार (बर्मा) के रहने वाले हैं। पिछले कुछ सालों में म्यांमार में रोहिंग्या के खिलाफ होने वाली हिंसा में तेजी से बढ़ोतरी हुई जिसकी वजह से लाखों की संख्या में वो दूसरे देशों में पलायन कर चुके हैं। सबसे ज्यादा रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश में शरण लिए हुए हैं। बांग्लादेश के रास्ते कुछ रोहिंग्या भारत में आए हैं। इन रोहिंग्या को जम्मू-कश्मीर में अस्थाई शरण दी गई है। स्थानीय लोग इन्हें जम्मू कश्मीर में बसाने का विरोध करते हैं।

Web Title: in Jammu for Rohingya eviction, ads in newspapers

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