लाइव न्यूज़ :

LoC से सटे गांवों में पाकिस्तानी सेना की गोलियों से घबराते हैं ग्रामीण, घर से कदम बाहर रखने पर दिखता है मौत का खौफ

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: January 15, 2020 18:18 IST

Jammu Kashmir: कुछ दिन पहले राजौरी जिले के में ढर कस्बे में एक मुर्दे के शरीर को गोलियां छलनी कर गईं। मृतक का अंतिम संस्कार करने के लिए साथ जा रहे लोग बाल-बाल बच गए थे जब उनके पास मोर्टार के दो गोले आ गिरे थे।

Open in App
ठळक मुद्देजम्मू कश्मीर में एलओसी रेखासे सटे गांवों में दिन के उजाले में तो क्या रात के अंधेरे में भी चहलकदमी कर पाना अब कल की बात हो गई है।खेतों में गए हुए किसानों को कई-कई दिन बीत जाते हैं।

जम्मू कश्मीर में एलओसी रेखासे सटे गांवों में दिन के उजाले में तो क्या रात के अंधेरे में भी चहलकदमी कर पाना अब कल की बात हो गई है। खेतों में गए हुए किसानों को कई-कई दिन बीत जाते हैं। ऐसा वे सब अपनी मर्जी से नहीं करते बल्कि पाकिस्तानी सेना की गोलियों व गोलों की बौछार से घबराते हुए वे ऐसा करने पर मजबूर हैं।

पांव से लेकर सिरों तक पाक सैनिकों की गोलियां आम जनता को भेद्यने लगी हैं। गोद में दूध पीते बच्चे पाक गोलियों का शिकार हो रहे हैं। सबसे अधिक चौंकाने वाला तथ्य यह है कि पाक गोलीबारी लाचार, बूढ़े बीमारों का ही नहीं बल्कि मुर्दों का भी ख्याल नहीं रखती है जो उन्हें छलनी कर देती है।

कुछ दिन पहले राजौरी जिले के में ढर कस्बे में एक मुर्दे के शरीर को गोलियां छलनी कर गईं। मृतक का अंतिम संस्कार करने के लिए साथ जा रहे लोग बाल-बाल बच गए थे जब उनके पास मोर्टार के दो गोले आ गिरे थे। यह सब आतंकियों द्वारा नहीं किया जा रहा था बल्कि उन पाक सैनिकों द्वारा किया जा रहा था जो पिछले 70 सालों से बंटवारे की रेखा को आग उगलने वाली रेखा में तब्दील किए हुए हैं और सीजफायर के बावजूद अपने तोपखानों के मुंह को खुला रखे हुए हैं।

नतीजतन एलओसी से सटे राजौरी तथा पुंछ के जुड़वा जिलों में किसी की शव यात्रा में शामिल होना खतरे से खाली नहीं है। शव यात्राओं में शामिल होने वालों के दिलोदिमाग में यही भय रहता है कि कहीं उनकी भी शव यात्रा साथ ही में न निकालनी पड़े। लेकिन उनकी मजबूरी है। उन्हें शव यात्राओं में सिर पर कफन बांध कर शामिल होना पड़ता है क्योंकि कब्रिस्तान तथा शमशान घाट पूरी तरह से पाक सैनिकों की गोलीबारी की रेंज में हैं।

ऐसा कोई पहली बार नहीं हुआ था कि पाक सैनिकों ने शव यात्रा पर गोले बरसा कर मुर्दे को भी छलनी किया हो बल्कि अब यह सब इन दोनों जिलों में रहने वाले लाखों लोगों की दिनचर्या का एक अंग बन कर रह गया है। इस पर दलान का रहने वाला शम्सद्दीन कहता हैः‘मुर्दे को भी न बख्शने वाले पाक फौजियों को खुदा कभी नहीं बख्शेगा।’

असल में भारतीय क्षेत्रों में घूमने वाले सभी लोग पाक सेना की नजर में अब सैनिक हैं। वह समझती है कि सादा लिबास में भारतीय सैनिक एलओसी के क्षेत्रों में घूम रहे हैं। जरा सी भीड़ देखी नहीं कि गोलियों की बरसात आरंभ कर दी जाती है जबकि अगर दो चार वाहनों का काफिला दिख जाए तो फिर तो उनमें बैठे लोगों की शामत आ जाती है।

यह इसी से स्पष्ट है कि पिछले कुछ माह के भीतर पुंछ सेक्टर के कई उन क्षेत्रों में पाक गोलियों ने कई वाहनों तथा मासूमों को गोलियों से छलनी कर दिया जो पूरी तरह से एलओसी पर स्थित हैं। जबकि ऐसे नामों की सूची दिनोंदिन बढ़ती जा रही है जिनके शरीरों पर पाक गोलियों के निशान अपनी ही कहानी कहते हैं।

इससे और अधिक शर्म की बात क्या हो सकती है कि पाक सैनिकों ने कुछ महीनों के भीतर हताशा और बौखलाहट में भर कर सीमांत क्षेत्रों में करीब चार जनाजों पर भी गोलियों की बरसात कर दी। शायद उन्हें यह भ्रम हो गया था कि इसमें भी भारतीय सैनिक शामिल होंगें जो क्षेत्रों की टोह ले रहे हैं।

स्थिति यह है कि उसके लिए सीमा क्षेत्रों में घूमने वाला प्रत्येक भारतीय आज दुश्मन है। लेकिन इतना अवश्य है कि पाक सेना कभी कभार उन लोगों पर गोलियां नहीं बरसाती जो सलवार-कमीज अर्थात खान सूट पहन कर इन क्षेत्रों में घूमते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि वह समझती है कि ऐसे कपड़े पहनने वाले पाक समर्थक होते हैं। यही कारण है कि अब लोग अपने परिधान को इन क्षेत्रों में बदलने लगे हैं मगर यह इतनी संख्या में नहीं हो पाया है।

टॅग्स :एलओसीजम्मू कश्मीरपाकिस्तानलोकमत समाचार
Open in App

संबंधित खबरें

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

क्रिकेटवैभव सूर्यवंशी की टीम बिहार को हैदराबाद ने 7 विकेट से हराया, कप्तान सुयश प्रभुदेसाई ने खेली 28 गेंदों में 51 रन की पारी, जम्मू-कश्मीर को 7 विकेट से करारी शिकस्त

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

बॉलीवुड चुस्कीDhurandhar: फिल्म में दानिश पंडोर निभा रहे हैं उज़ैर बलूच का किरदार, कराची का खूंखार गैंगस्टर जो कटे हुए सिरों से खेलता था फुटबॉल, देखें उसकी हैवानियत

विश्वपाकिस्तान में 1,817 हिंदू मंदिरों और सिख गुरुद्वारों में से सिर्फ़ 37 ही चालू, चिंताजनक आंकड़ें सामने आए

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट