‘ऑपरेशन विजय’ के 20 साल होने पर शनिवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 1999 के करगिल युद्ध में शहीद होने वाले सैनिकों को जम्मू कश्मीर के द्रास सेक्टर में एक स्मारक पर श्रद्धांजलि दी।
करगिल का दौरे पर आए रक्षा मंत्री कठुआ के उझ और सांबा जिले के बसंतर में सीमा सड़क संगठन द्वारा बनाए गए दो पुलों को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। श्रीनगर स्थित रक्षा प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने बताया, ‘‘रक्षा मंत्री ने करगिल युद्ध स्मारक पर ऑपरेशन विजय के शहीदों की याद में माल्यार्पण किया।
शहीदों के सम्मान में एक मिनट का मौन भी रखा गया।’’ उन्होंने बताया कि बाद में सिंह द्रास के युद्ध स्मारक परिसर में स्थित वीर भूमि और ‘हट ऑफ रिमेमब्रेंस’ में भी गए। प्रवक्ता ने बताया कि रक्षा मंत्री को ‘ऑपरेशन विजय’ और द्रास, करगिल तथा बटालिक सेक्टरों में दुश्मन के नापाक मंसूबों को नेस्तनाबूद करने के लिए भारतीय सैनिकों की कार्रवाई से भी अवगत कराया गया।
कालिया ने बताया कि सिंह के साथ केंद्रीय मंत्रीय जितेंद्र सिंह और चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल बिपिन रावत भी थे।
वहीं करगिल विजय ज्योति मशाल आज हिमाचल प्रदेश के मनाली पहुंच गई है। बता दें कि सेना के युद्धवीर 'विजय ज्योति' लेकर उत्तर भारत के नौ बड़े शहरों से गुजरते हुए करगिल विजय दिवस (26 जुलाई) के मौके पर जम्मू-कश्मीर के द्रास पहुंचेंगे और करगिल वॉर मेमोरियल पर जल रही चिरकालिक ज्योति में उसे मिलाएंगे।
रक्षामंत्री ने सेना प्रमुख और परमवीर चक्र विजेता सूबेदार संजय कुमार के साथ सेना के सर्वश्रेष्ठ शूटर सूबेदार जीतू राय को यह मशाल सौंपी थी। यह मशाल तांबा, कांसा और लकड़ी से बनी है, इसके ऊपरी हिस्से में धातु से 'अमर जवान' उकेरा गया है, जबकि निचले हिस्से में सोने के 20 बेलबूटे लगाए गए हैं, जो करगिल विजय के गौरवमय 20वें साल के प्रतीक हैं।