जम्मू कश्मीर राष्ट्रपति शासन की ओर, गवर्नर बोले- फिलहाल विधानसभा भंग नहीं होगी

By भाषा | Updated: November 17, 2018 05:38 IST2018-11-17T05:38:11+5:302018-11-17T05:38:11+5:30

जम्मू कश्मीर में पीडीपी-भाजपा गठबंधन की सरकार जून में तब गिर गई थी जब भाजपा ने महबूबा मुफ्ती नीत हुकूमत से अपना समर्थन वापस ले लिया था।

Jammu Kashmir towards presidents rule, governor said- assembly will not be dissolved | जम्मू कश्मीर राष्ट्रपति शासन की ओर, गवर्नर बोले- फिलहाल विधानसभा भंग नहीं होगी

जम्मू कश्मीर राष्ट्रपति शासन की ओर, गवर्नर बोले- फिलहाल विधानसभा भंग नहीं होगी

जम्मू, 16 नवंबर (भाषा): जम्मू-कश्मीर के राष्ट्रपति शासन की ओर बढ़ने के बीच राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शुक्रवार को कहा कि राज्य विधानसभा को अभी भंग नहीं किया जाएगा। मलिक का बयान इन कयासों के बीच आया है कि विभिन्न पार्टियां पर्दे के पीछे से राज्य में सरकार बनाने की कोशिशें कर रही हैं। जम्मू कश्मीर में पीडीपी-भाजपा गठबंधन की सरकार जून में तब गिर गई थी जब भाजपा ने महबूबा मुफ्ती नीत हुकूमत से अपना समर्थन वापस ले लिया था।

मलिक खुद इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि राज्य में लोकप्रिय सरकार संभव नहीं होगी। उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे अब भी कोई सरकार बनती नहीं दिख रही है। किसी भी पार्टी के पास पर्याप्त संख्या बल नहीं है और संदेश साफ है कि कुछ भी गैरकानूनी नहीं होने दिया जाएगा।’’ 

उन्होंने 87 सदस्यीय विधानसभा को भंग नहीं करने पर सफाई देते हुए कहा कि कम से कम विधायक अपने संबंधित क्षेत्रों में लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों पर ध्यान दे सकते हैं।

मलिक ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ’’ मुझे अब भी मौजूदा विधानसभा के जरिए कोई सरकार बनती नहीं दिख रही है, लेकिन मैं लोगों को उनके विकास से वंचित भी नहीं करना चाहता हूं। विधायक अपने संबंधित क्षेत्रों में विकास कार्यों को जारी रख सकते हैं और लोगों की समस्याओं का निदान कर सकते हैं।’’ 

मलिक ने अपने पूर्ववर्ती एनएन वोहरा के आदेश को बदलते हुए विधायकों को मिलने वाली निर्वाचन क्षेत्र विकास निधि को बहाल कर दिया था। पूछा गया कि क्या राज्य राष्ट्रपति शासन की ओर बढ़ रहा है तो मलिक ने कहा, ‘‘ राज्यपाल शासन के छह महीने बाद यह सामान्य कार्रवाई है। इसके बाद राष्ट्रपति शासन ही लगता है।’’ 

राज्य में 19 दिसंबर तक राज्यपाल शासन लगा रहेगा। जम्मू कश्मीर के संविधान में राज्यपाल शासन को बढ़ाने का कोई प्रावधान नहीं है।’’ 87 सदस्यीय राज्य विधानसभा में किसी भी पार्टी के पास स्पष्ट बहुमत नहीं है। सबसे बड़ी पार्टी पीडीपी है जिसके पास 28 सीटें हैं जबकि भाजपा के पास 25 सीटें हैं और नेशनल कॉन्फ्रेंस के पास 15 विधायक हैं।

राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए, राज्यपाल की रिपोर्ट के बाद प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल राष्ट्रपति से सिफारिश करता है। राज्य में जम्मू कश्मीर संविधान की धारा 92 के तहत राज्यपाल शासन लगाया जाता है। जबकि राष्ट्रपति शासन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत लगाया जाता है।

Web Title: Jammu Kashmir towards presidents rule, governor said- assembly will not be dissolved

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