कश्मीरी पंडित और नेपाली नागरिक के हत्यारे आतंकी ढेर, शोपियां में मारे गए तीन आतंकियों में से दो की पहचान, एसाल्ट राइफल, दो पिस्तौल बरामद
By सुरेश एस डुग्गर | Updated: December 20, 2022 15:33 IST2022-12-20T15:30:54+5:302022-12-20T15:33:03+5:30
एडीजीपी कश्मीर विजय कुमार ने मुंजमर्ग मुठभेड़ में तीन आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि इनमें से दो की पहचान समीर लोन निवासी शोपियां और उमर नजीर निवासी अनंतनाग के रूप में हुई है।

कश्मीरी हिंदू पूर्ण कृष्ण भट्ट की हत्या 13 अक्तूबर को चौधरीगुंड शोपियां में उसके घर के बाहर ही हुई थी।
जम्मूः कश्मीर के शोपियां इलाके में मुंजमर्ग गांव में एक मुठभेड़ में लश्करे तैयबा के हिट स्क्वाड द रजिस्टेंस फ्रंट टीआरफ के तीन आतंकियों को मार गिराया। मारे आतंकियों में से से दो एक कश्मीरी हिंदू पंडित कृष्ण भट्ट की हत्या और एक नेपाली नागरिक की हत्या में लिप्त थे। जबकि तीसरे आतंकी की पहचान नहीं हो पाई है।
दरअसल पुलिस को सोमवार की देर रात गए पता चला था कि स्वचालित हथियारों से लैस तीन आतंकी मुंजमर्ग शोपियां में अपने किसी संपर्क सूत्र से मिलने आए हैं। पुलिस ने उसी समय सेना और सीआरपीएफ के जवानों के साथ मिलकर तीनों आतंकियों को पकड़ने के लिए एक अभियान चलाया।
आधी रात के बाद जवानों ने गांव की घेराबंदी करते हुए आने जाने के सभी रास्ते बंद कर दिए। इसके बाद आज तड़के नमाज की पहली अजान के साथ ही सुरक्षाबलों ने अपना तलाशी अभियान शुरू किया। और सुबह साढ़े पांच बजे के करीब शुरु हुई यह मुठभेड़ लगभग दो घंटे चली।
एडीजीपी कश्मीर विजय कुमार ने मुंजमर्ग मुठभेड़ में तीन आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि इनमें से दो की पहचान समीर लोन निवासी शोपियां और उमर नजीर निवासी अनंतनाग के रूप में हुई है। समीर लोन 13 अक्तूबर को चौधरी गुंड में कश्मरी हिंदू पूर्ण कृष्ण भट्ट की हत्या और उमर नजीर नवंबर के पहले सप्ताह अनंतनाग में दो श्रमिकों पर हमले की वारदात में शामिल था।
तीसरे आतंकी की पहचान का पता लगाया जा रहा है। मारे गए आतंकियों के पास से एक एसाल्ट राइफल, दो पिस्तौल व अन्य साजो सामान मिला है। जानकारी के लिए कश्मीरी हिंदू पूर्ण कृष्ण भट्ट की हत्या 13 अक्तूबर को चौधरीगुंड शोपियां में उसके घर के बाहर ही हुई थी। तिल बहादुर समेत दो श्रमिक बीते नवंबर के पहले सप्ताह में अनंतनाग में एक स्कूल परिसर के बाहर आतंकी हमले में जख्मी हुए थे। बाद में अस्पताल में उपचार के दौरान तिल बहादुर की मौत हो गई थी।