जम्मू-कश्मीरः बाहरी लोगों को नौकरियां देने पर मचा बवाल, तो गृह मंत्रालय ने कहा- कुछ ही दिनों में बनेगा डोमिसाइल कानून  

By सुरेश एस डुग्गर | Published: January 1, 2020 06:15 PM2020-01-01T18:15:09+5:302020-01-02T08:24:48+5:30

स्थानीय लोगों के लिए जम्मू कश्मीर में नौकरियों के मुद्दे पर एक सवाल का जवाब देते हुए जम्मू कश्मीर प्रशासन के प्रवक्ता रोहित कंसल ने मंगलवार को कहा था कि सरकार को विभिन्न सुझाव मिले हैं और इनका अध्ययन किया जा रहा है।

Jammu Kashmir: Ruckus over giving jobs to outsiders, Domicile law will be made says Home Ministry | जम्मू-कश्मीरः बाहरी लोगों को नौकरियां देने पर मचा बवाल, तो गृह मंत्रालय ने कहा- कुछ ही दिनों में बनेगा डोमिसाइल कानून  

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Highlightsजम्मू कश्मीर में रिक्त पदों पर भर्ती की खातिर राज्य के बाहर के लोगों को भी आवेदन करने की अनुमति दी गई।केंद्र शासित प्रदेशों में लोगों के अधिकारों को सुनिश्चित बनाने की खातिर अब डोमिसाइल कानून बनाने की बात कही है।

जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट द्वारा रिक्त पदों पर भर्ती की खातिर राज्य के बाहर के लोगों को भी आवेदन करने की दी गई अनुमति के बाद मचे बवाल का नतीजा है कि केंद्रीय गृहमंत्रालय ने जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों में लोगों के अधिकारों को सुनिश्चित बनाने की खातिर अब डोमिसाइल कानून बनाने की बात कही है। यह डोमिसाइल उन्हें नौकरियों तथा लमीन संबंधी अधिकार प्रदान करेगा। फिलहाल इसके प्रति अधिक विवरण तो नहीं मिल पाया लेकिन इसके प्रति अधिसूचना जल्द जारी होने की बात कही जा रही है।

हालांकि मचे बवाल के बाद जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने अपनी नौकरियों की अधिसूचना को वापस ले लिया है। अधिसूचना वापस लेने की कोई वजह नहीं बताई गई है लेकिन विभिन्न विपक्षी दलों के मुखर प्रदर्शन के बाद यह कदम उठाया गया है। नेशनल कांफ्रेंस, जेकेएनपीपी और वाम दलों समेत विभिन्न विपक्षी दलों ने जम्मू कश्मीर में सरकारी नौकरियों में स्थानीयों के लिए आरक्षण की मांग की है।

स्थानीय लोगों के लिए जम्मू कश्मीर में नौकरियों के मुद्दे पर एक सवाल का जवाब देते हुए जम्मू कश्मीर प्रशासन के प्रवक्ता रोहित कंसल ने मंगलवार को कहा था कि सरकार को विभिन्न सुझाव मिले हैं और इनका अध्ययन किया जा रहा है।

जानकारी के लिए जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख की जिला अदालतों में 33 गैर राजपत्रित पदों को भरने के लिए दी विज्ञापन अधिसूचना वापस ले ली है। सरकारी नौकरी से संबंधित विज्ञापन को लेकर स्थानीय दलों ने आपत्ति जताई थी। खासकर विपक्षी दलों ने पिछले साल अगस्त में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद सभी भारतीयों से आवेदन मंगाए जाने का कड़ा विरोध किया था।

जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय के महापंजीयक संजय धार ने 26 दिसंबर 2019 को रिक्तियों को भरने के लिए विज्ञापन दिया था। इसमें आवेदन भरने की आखिरी तारीख 31 जनवरी 2020 दी गई थी। धार ने आज शाम को ताजा अधिसूचना जारी कर कहा कि सभी संबंधित लोगों की जानकारी के लिए यह अधिसूचित किया जाता है कि 26 दिसंबर 2019 के विज्ञापन नोटिस को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाता है, जिसमें जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय में गैर राजपत्रित श्रेणी में अलग-अलग पदों के लिए आवेदन मांगे गए थे।

इस पर नेशनल कांफ्रेंस के प्रांतीय अध्यक्ष देवेंद्र सिंह राणा ने दलील दी थी कि हालिया वर्षों में केंद्र शासित प्रदेश में बेरोजगारी खतरनाक ढंग से बढ़ी है और राज्य की नौकरियां सिर्फ स्थानीय लोगों के लिये आरक्षित होनी चाहिए।

जम्मू कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी (जेकेएनपीपी) के अध्यक्ष हर्षदेव सिंह ने कहा था कि यह न केवल स्थानीय, बेरोजगार, शिक्षित युवाओं की उम्मीदों पर पानी फेरेगा, बल्कि पूर्ववर्ती राज्य के शिक्षित और आकांक्षी युवाओं पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा।

Web Title: Jammu Kashmir: Ruckus over giving jobs to outsiders, Domicile law will be made says Home Ministry

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