जम्मू कश्मीरः हालात सामान्य होने के दावों के बीच एक महीने में 290 लोगों पर लगा पीएसए, घाटी में हो रही ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां!

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 5, 2019 07:51 AM2019-09-05T07:51:28+5:302019-09-05T07:51:28+5:30

जम्मू कश्मीर में 30 दिनों में कम से कम 290 लोगों को पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत हिरासत में लिया गया है। 

Jammu Kashmir: PSA imposed 290 people in a month amid claims of normalcy, rapid arrests being made in the Valley! | जम्मू कश्मीरः हालात सामान्य होने के दावों के बीच एक महीने में 290 लोगों पर लगा पीएसए, घाटी में हो रही ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां!

जम्मू कश्मीरः हालात सामान्य होने के दावों के बीच एक महीने में 290 लोगों पर लगा पीएसए, घाटी में हो रही ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां!

Highlightsजम्मू कश्मीर में कम से कम 290 लोगों को पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत हिरासत में लिया गया है। इस कानून के तहत 250 गिरफ्तारियां घाटी में और 40 लोग जम्मू में गिरफ्तार किए गए हैं।

पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को समाप्त करने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने का प्रस्ताव लाया गया था। तब से घाटी में हालात तनावपूर्ण हैं। इस दौरान जम्मू कश्मीर में कम से कम 290 लोगों को पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत हिरासत में लिया गया है। 

इंडियन एक्सप्रेस ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से लिखा है कि इस कानून के तहत 250 गिरफ्तारियां घाटी में और 40 लोग जम्मू में गिरफ्तार किए गए हैं। गौरतलब है कि पांच अगस्त से पहले प्रतिमाह पीएसए एक्ट में गिरफ्तार होने वालों की संख्या 70-80 होती थी। इसके अलावा अन्य कानूनों के तहत भी सैकड़ों गिरफ्तारियां हुई हैं।

क्या है पब्लिक सेफ्टी एक्ट?

पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) वह कानून है जिसे तत्कालीन शेख अब्दुल्ला सरकार ने 1978 में लकड़ी के तस्करों पर नकेल कसने के लिए बनाया था। आतंकवाद शुरू होने के बाद से इसका कश्मीर में जमकर इस्तेमाल किया गया। यह बात अलग है कि इन 30 सालों में जितने भी लोगों के खिलाफ पीएसए लगाया गया उनमें से 60 परसेंट से अधिक को कोर्ट ने खारिज कर दिया। 

इस कानून के तहत सरकार किसी भी व्यक्ति को बिना ट्रायल के 3 से 6 महीने के लिए हिरासत में ले सकती है। 1978 में जब यह एक्ट लाया गया था तो इसमें प्रावधान था कि सरकार 16 वर्ष की आयु से अधिक किसी भी व्यक्ति को बिना ट्रायल 2 साल के लिए हिरासत में ले सकती है।

पीएसए एक्ट में कैसे होती है गिरफ्तारी

पीएसए एक्ट के तहत हिरासत में लिए जाने का आदेश पुलिस की अनुशंसा पर जिलाधिकारी जारी करता है। पुलिस एक केस फाइल बनाती है जिसे डोजियर कहते हैं। इसे संबंधित डेप्यूटी कमिश्नर अथवा जिलाधिकारी को भेजती है और फिर आदेश जारी होता है। मानवाधिकार संगठन पीएसए एक्ट के राजनीतिक इस्तेमाल पर सवाल खड़े करते रहे हैं।

एक महीने से कश्मीर प्रतिबंधों के दौर से गुजर रहा है। हालांकि दावे प्रतिदिन किए जा रहे हैं कि प्रतिबंध हटा लिए गए हैं। लेकिन स्थिति के सामान्य होने के दावों के बीच गिरफ्तार किए जाने वालों की संख्या में बढ़ोतरी होती जा रही है। इनमें वे भी शामिल हैं जिन पर पत्थरबाजी का आरोप है और वे भी हैं जिन्हें खुद नहीं पता उन्हें गिरफ्तार क्यों किया गया है। इसके अलावा कई मुख्यधारा के राजनीतिज्ञ, वकील और समाज के गणमान्य व्यक्ति भी हिरासत में या नजरबंद हैं।

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