Jammu Kashmir Assembly elections: 89 अधिकारी का तबादला, कई जिलों में नए डीएम-एसपी, खुफिया प्रकोष्ठ को मिला नया प्रमुख, जम्मू-कश्मीर पुलिस में बड़े पैमाने पर फेरबदल
By सतीश कुमार सिंह | Updated: August 16, 2024 12:02 IST2024-08-16T11:56:04+5:302024-08-16T12:02:37+5:30
Jammu Kashmir Assembly elections: निर्वाचन आयोग ने महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड के मुख्य सचिवों को भी इसी तरह के निर्देश जारी किए थे।

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Jammu Kashmir Assembly elections: निर्वाचन आयोग आज 3 बजे कार्यक्रम की घोषणा करेगा। इस बीच जम्मू-कश्मीर पुलिस में बड़े पैमाने पर फेरबदल हुआ है। 89 अधिकारी यहां से वहां भेजे गए हैं। कई जिलों में डीएम और एसपी बदले गए हैं। खुफिया प्रकोष्ठ को मिला नया प्रमुख मिल गया है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने उपायुक्तों सहित कई अधिकारियों का तबादले किए हैं। निर्वाचन आयोग ने कुछ सप्ताह पहले निर्देश दिया था कि वे राज्य अपने गृह जिलों में तैनात अधिकारियों का तबादला दूसरे जिलों में करें जहां चुनाव होने वाले हैं।
निर्वाचन आयोग शुक्रवार दोपहर को विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा करेगा। हालांकि, यह अभी स्पष्ट नहीं है कि किन राज्यों के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी। निर्वाचन आयोग की योजना जम्मू-कश्मीर में 30 सितंबर से पहले विधानसभा चुनाव कराने की है क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने यह समयसीमा निर्धारित की है।
जम्मू-कश्मीर के सामान्य प्रशासन विभाग ने बृहस्पतिवार देर रात तत्काल प्रभाव से 89 अधिकारियों के तबादलों और तैनाती के आदेश जारी किए। जिन अधिकारियों के तबादले किए गए हैं उनमें पुंछ और बांदीपोरा जिलों के उपायुक्त, सचिव, आयुक्त, महानिदेशक, प्रबंध निदेशक और कई विभागों के निदेशक शामिल हैं।
निर्वाचन आयोग ने 31 जुलाई को केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन से कहा था कि वह उन अधिकारियों का तबादला करे जो अपने गृह जिलों में तैनात हैं। चुनाव कराने से पहले सामान्य तौर पर यह कवायद की जाती है। निर्वाचन आयोग ने महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड के मुख्य सचिवों को भी इसी तरह के निर्देश जारी किए थे।
हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड की विधानसभाओं का कार्यकाल क्रमशः तीन नवंबर, 26 नवंबर और पांच जनवरी को समाप्त होगा। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने केंद्र शासित प्रदेश की चुनाव संबंधी तैयारियों की समीक्षा करने के लिए जम्मू-कश्मीर की अपनी दो दिवसीय यात्रा के बाद नौ अगस्त को कहा था कि विधानसभा चुनाव ‘‘जल्द से जल्द’’ कराए जाएंगे।
किसी भी अंदरुनी या बाहरी ताकत को इसमें बाधा नहीं डालने दी जाएगी। निर्वाचन आयोग का यह दौरा, अनुच्छेद 370 को निरस्त कर पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने के बाद पहले विधानसभा चुनाव कराने का आधार तैयार करने की पहली बड़ी कवायद थी।