जम्मू और कश्मीर से लेकर लद्दाख तक गर्मी का असर, ट्यूलिप गार्डन 8 दिन पहले बंद; पैंगांग झील से लापता हो गई बर्फ
By सुरेश एस डुग्गर | Published: April 18, 2022 03:03 PM2022-04-18T15:03:59+5:302022-04-18T15:03:59+5:30
पिछले साल ट्यूलिप गार्डन 35 दिनों तक खुला रहा था पर इस बार इसे सोमवार को इसलिए 8 दिन पहले बंद कर देना पड़ा है। वहीं, लद्दाख में बर्फ जल्दी पिघलने से सेना की चिंता बढ़ गई है।
जम्मू: बढ़ते तापमान ने कश्मीर की ही नहीं बल्कि बर्फीले रेगिस्तान लद्दाख पर भी असर दिखाना शुरू कर दिया है। गुलमर्ग में स्कीइंग पहले ही रूक गई। वहीं समय से पहले ट्यूलिप गार्डन को भी बंद करने पर मजबूर होना पड़ा। सेब, चेरी, आलू बुखारा और आड़ू की फसलों पर भी गर्मी ने कुदृष्टि डाल दी है। लद्दाख में चीन सीमा पर पैंगांग झील के किनारों से बर्फ लापता हो चुकी है। एलओसी के पहाड़ों पर भी तेजी से पिघलती बर्फ सेना के लिए चिंता पैदा कर रही है।
इस साल 31 मार्च को सरकारी आदेश के बाद गुलमर्ग में स्कीइंग को इसलिए बंद कर दिया गया था क्योंकि जिन स्थानों पर स्कीइंग होती थी वहां से गर्मी के कारण बर्फ पूरी तरह से नदारद हो गई थी। इसके बाद 23 मार्च को खोले गए एशिया के सबसे बड़े ट्यूलिप गार्डन को भी निर्धारित समय से 8 दिन पहले बंद कर देना पड़ा है।
पिछले साल यह करीब 35 दिनों तक खुला रहा था पर इस बार इसे सोमवार को इसलिए 8 दिन पहले बंद कर देना पड़ा है क्योंकि तापमान ने ट्यलिप के फूलों को मुरझाना आरंभ कर दिया था। इस बार ये गार्डन केवल 27 दिनों तक ही खुला रहा पर फूलों को निहारने वालों ने पिछला रिकार्ड तोड़ दिया है। इस बार अभी तक चार लाख से अधिक पर्यटकों ने ट्यलिप गार्डन का दौरा किया है।
बहरहाल, मौसम की बात करें तो आधिकारिक तौर पर माना गया है कि प्रदेश में इस बार 90 फीसदी बारिश की कमी होने से सूखा पड़ने लगा है। इसी तरह का सूखा लद्दाख में पैंगांगा झील के आसपास के पहाड़ों और एलओसी के पहाड़ों पर बर्फ का भी पड़ने लगा है।
सेनाधिकारियों के मुताबिक, बर्फ का इतनी जल्दी पिघलना चिंता का कारण इसलिए है क्योंकि ऐसे माहौल में आतंकी घुसपैठ के प्रयास तेज हो सकते हैं। पहले मई के अंत तक बर्फ टिकी रहने से सेना मई तक निश्चिंत हो जाती थी। दूसरी ओर प्रशासन इसलिए परेशान है कि अगर यूं ही बर्फ तेजी से पिघलती रही तो प्रदेश में गर्मिंयों में पीने के पानी तथा बिजली पैदावार की कमी से जूझना होगा।