जम्मू कश्मीर: फिलहाल ‘काली भेड़ों’ की तलाश की खातिर पुलिस ने नहीं उठाया कोई कदम

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: January 31, 2020 05:16 IST2020-01-31T05:16:17+5:302020-01-31T05:16:17+5:30

जम्मू कश्मीर पुलिस के डीएसपी रैंक के अधिकारी देविंद्र सिंह की आतंकियों के साथ हुई गिरफ्तारी के बाद कश्मीर में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने अपने जवानों और अधिकारियों की ‘जांच’ की मुहिम छेड़ दी है ताकि वे फोर्स में किसी आशंकित काली भेड़ों को निकाल बाहर कर सकें। पर जम्मू कश्मीर पुलिस ने ऐसा अभी तक कुछ भी नहीं किया है।

Jammu and Kashmir: Police did not take any steps to search for 'black sheep' | जम्मू कश्मीर: फिलहाल ‘काली भेड़ों’ की तलाश की खातिर पुलिस ने नहीं उठाया कोई कदम

देविंद्र सिंह की फाइल फोटो।

जम्मू कश्मीर पुलिस के डीएसपी रैंक के अधिकारी देविंद्र सिंह की आतंकियों के साथ हुई गिरफ्तारी के बाद कश्मीर में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने अपने जवानों और अधिकारियों की ‘जांच’ की मुहिम छेड़ दी है ताकि वे फोर्स में किसी आशंकित काली भेड़ों को निकाल बाहर कर सकें। पर जम्मू कश्मीर पुलिस ने ऐसा अभी तक कुछ भी नहीं किया है। जहां तक कि जिन स्थानों पर देविंद्र सिंह तैनात रहा है वहां के पुलिसकर्मियों को भी नहीं बदला गया है और न ही किसी जांच का आदेश दिया गया है।

दो दिन पहले केरिपुब के महानिदेशक ए पी माहेश्वरी ने इसकी पुष्टि की थी कि उन्होंने जम्मू कश्मीर पुलिस के डीएसपी देविंद्र सिंह की गिरफ्तारी से सबक लेते हुए केरिपुब के 3 लाख के करीब जवानों व अधिकारियों का मेगा आडिट करवाया गया है। हालांकि उनका कहना था कि जवानों व अधिकारियों की नीयत के प्रति उन्हें कोई शक नहीं था। पर यह एक सामान्य प्रक्रिया है क्योंकि यह शंका को दूर करने के लिए बहुत जरूरी था।

पर जम्मू कश्मीर पुलिस अभी तक इसके प्रति कोई फैसला नहीं कर पाई है। जबकि सच्चाई यह है कि देविंद्र सिंह के मामले से पहले भी 30 सालों के आतंकवाद के इतिहास में बीसियों ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जिनमें पुलिस-आतंकी गठजोड़ का पर्दाफाश हो चुका है।

एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी के मुताबिक, ऐसा फैसला गृहमंत्रालय द्वारा लिया जाना है क्योंकि अब पुलिस की सारी कमान उप-राज्यपाल के सलाहकार राजीव राय भटनागर के पास है। इतना जरूर था कि सूत्रों के मुताबिक, अभी भी जम्मू कश्मीर पुलिस में कई ऐसी काली भेड़ें कथित तौर पर शामिल हैं जो आतंकियों का साथ दे रही हैं और उनका पर्दाफाश किया जाना बहुत जरूरी है।

देविंद्र सिंह की गिफ्तारी के बाद उन स्थानों का भी फिलहाल सुरक्षा आडिट नहीं किया है जहां वह अपनी नौकरी के दौरान तैनात रहा है। जानकारी के लिए देविंद्र सिंह का सेवा कार्यकाल पूरी तरह से ही विवादों और शंकाओं के बीच घिरा रहा है। यही कारण था कि श्रीनगर एयरपोर्ट की सुरक्षा को अब सीआईएसएफ के हवाले करने का फैसला किया गया है क्योंकि जब देविंद्र सिंह पकड़ा गया तो वह इसी एयरपोर्ट पर एंटी हाईजैकिंग विंग का मुखिया था।

Web Title: Jammu and Kashmir: Police did not take any steps to search for 'black sheep'

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे