Jammu and Kashmir: पुलिस और CRPF गश्ती दल पर हमला, बीते चौबीस घंटों के दौरान दूसरा अटैक

By सुरेश एस डुग्गर | Published: May 21, 2020 05:55 PM2020-05-21T17:55:35+5:302020-05-21T17:55:35+5:30

कुछ देर पहले आतंकियों ने पुलवामा जिले के खार कदल इलाके के परिछु में पुलिस तथा सी आर पी एफ के एक गश्ती दल पर घात लगा कर हमला कर दिया। हमले में 3 पुलिसकर्मी जख्मी हुए थे जिनमें से एक नए अस्पताल में दम तोड़ दिया।

Jammu and Kashmir Police and CRPF patrol attacked, second attack during last 24 hours | Jammu and Kashmir: पुलिस और CRPF गश्ती दल पर हमला, बीते चौबीस घंटों के दौरान दूसरा अटैक

दोनों तरफ से करीब 10 मिनट तक गोलियां चलती रही। इसके बाद आतंकी वहां से भाग निकले। (file photo)

Highlightsमृतक जवान की पहचान आईआरपी की 10वीं बटालियन के हेड कांस्टेबल अनूप सिंह के रूप में की गई है।इससे पूर्व बुधवार को श्रीनगर के पांडच इलाके में भी सीमा सुरक्षाबल के दो जवान आतंकी हमले में शहीद हो गए थे।

जम्मूः पुलवामा जिले में आतंकियों ने सुरक्षाबलों के एक संयुक्त गश्ती दल पर हमला कर एक पुलिसकर्मी को मार डाला है। दो गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं।

अतिरिक्त सुरक्षाबलों को हमले वाले स्थान पर भेजा गया है। कुछ देर पहले आतंकियों ने पुलवामा जिले के खार कदल इलाके के परिछु में पुलिस तथा सी आर पी एफ के एक गश्ती दल पर घात लगा कर हमला कर दिया। हमले में 3 पुलिसकर्मी जख्मी हुए थे जिनमें से एक नए अस्पताल में दम तोड़ दिया।

दोनों घायल पुलिसकर्मियों की दशा नाजुक बताई जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि जिस जगह हमला हुआ है वहां अतिरिक्त सुरक्षाबलों को भेजा गया है और हमलावर आतंकियों की तलाश की जा रही है। मृतक जवान की पहचान आईआरपी की 10वीं बटालियन के हेड कांस्टेबल अनूप सिंह के रूप में की गई है।

बीते चौबीस घंटों के दौरान वादी में सुरक्षाबलों पर यह दूसरा आतंकी हमला है। इससे पूर्व बुधवार को श्रीनगर के पांडच इलाके में भी सीमा सुरक्षाबल के दो जवान आतंकी हमले में शहीद हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ ने ली थी।

यहां मिली जानकारी के अनुसार, आज दोपहर को करीब पौने तीन बजे आतंकियों ने पुलवामा जिल के परिछु कस्बे के पास खारकदल में सुरक्षाबलों की एक नाका पार्टी पर घात लगाकर हमला किया। हमले में 3 जवान जख्मी हो गए। अन्य जवानों ने उसी समय अपनी पोजीशन ली और जवाबी फायर किया।

दोनों तरफ से करीब 10 मिनट तक गोलियां चलती रही। इसके बाद आतंकी वहां से भाग निकले। आतंकियों के जाने के बाद जवानों ने अपने घायल साथियों को अस्पताल पहुंचाने का बंदोबस्त करते हुए हमलावर आतंकियों को पकड़ने के लिए एक तलाशी अभियान चलाया है।

रोजा खोलने के लिये रोटी लेने गए थे बीएसएफ जवान, आतंकी हमले में शहीद

जम्मू-कश्मीर में बीएसएफ के दो जवान आतंकी हमले में शहीद होने से कुछ ही मिनट पहले इफ्तार करने के लिये रोटी लेने गए थे। इस दौरान एक व्यस्त बाजार में बेकरी से गुजर रहे मोटरसाइकिल सवार आंतकवादियों ने ताबड़तोड़ गोलीबारी की, जिसमें बीएसएफ कांस्टेबल जिया-उल-हक और राणा मंडल ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। हमला बुधवार की शाम श्रीनगर के बाहरी इलाके सूरा में हुआ था। पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है।

अधिकारियों ने कहा कि आतंकवादियों ने बेहद नजदीक से जवानों को गोलियां मारीं और भीड़भाड़ वाले इलाके की गलियों से निकलते हुए भाग गए। उन्होंने कहा कि हक और मंडल पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के निवासी थे, लेकिन अम्फान चक्रवात के चलते राज्य में हवाई अड्डे बंद होने की वजह से उनके पार्थिव शरीर उनके घर नहीं भेजे जा सके। हक (34) और मंडल (29) दोनों के सिर में गंभीर चोटें आई थीं। अधिकारियों ने बताया कि दोनों दोस्त सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 37वीं बटालियन से थे और पंडाक कैंप में तैनात थे।

उनका काम नजदीकी गंदेरबल जिले से श्रीनगर के बीच आवाजाही पर नजर रखना था। उन्होंने बताया कि मौत से कुछ ही मिनट पहले वे रोजा खोलने (इफ्तार) के लिये रोटी लेने गए थे। लेकिन वे इफ्तार नहीं कर सके और रोजे की हालत में ही शहीद हो गए। बीएसएफ की 37वीं बटालियन के जवानों ने कहा कि वे रोजा होने की वजह से पूरे दिन पानी की एक बूंद पिये बिना ही इस दुनिया से रुख्सत हो गए। जवानों ने अपने साथियों की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वह बहुत जल्दी हमेशा के लिये अलविदा कह गए।

साल 2009 में बीएसएफ में शामिल हुए हक के परिवार में माता-पिता, पत्नी नफीसा खातून और दो बेटियां... पांच साल की मूकबधिर बेटी जेशलिन जियाउल और और छह महीने की जेनिफर जियाउल हैं। वह मुर्शिदाबाद कस्बे से लगभग 30 किलोमीटर दूर रेजिना नगर में रहते थे। मंडल के परिवार में माता-पिता के अलावा एक बेटी और पत्नी जैस्मीन खातून है। वह मुर्शिदाबाद में साहेबरामपुर में रहते थे। दोनों जवान केन्द्र सरकार द्वारा 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा वापस लेकर उसे दो केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने के बाद से कश्मीर में तैनात थे। वे 24 या 25 मई को आने वाला ईद का त्योहार भी नहीं मना सके।

 

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