जम्मू कश्मीर: डीडीसी चुनावों के लिए सीटों के बंटवारे को लेकर दलों में कोई मतभेद नहीं- पीएजीडी
By भाषा | Published: November 15, 2020 05:53 PM2020-11-15T17:53:24+5:302020-11-15T17:53:24+5:30
श्रीनगर, 15 नवम्बर जम्मू कश्मीर में जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव के दूसरे चरण के लिए गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) शुरुआती अड़चनों के बाद सीटों के बंटवारे को लेकर रविवार को एक आम सहमति पर पहुंचा और उसने कहा कि गठबंधन के सहयोगियों के बीच कोई मतभेद नहीं है।
पीएजीडी के सदस्य मैराथन बैठक करने के बाद भी शनिवार को डीडीसी चुनावों के लिए सीटों के बंटवारे को लेकर किसी फार्मूले को अंतिम रूप देने में विफल रहे थे। यह दो दिनों में पीएजीडी सदस्यों की इस मुद्दे पर तीसरी बैठक थी।
गठबंधन के सहयोगियों ने नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के आवास पर रविवार को भी विचार-विमर्श किया। अब्दुल्ला पीएजीडी के अध्यक्ष भी हैं।
पीएजीडी के एक नेता ने कहा कि बैठक में चुनावों के दूसरे चरण के लिए सीटों के बंटवारे को लेकर सहमति बनी है।
उन्होंने कहा कि अब्दुल्ला की अध्यक्षता में हुई बैठक में पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (जेकेपीसीसी) के अध्यक्ष जी ए मीर, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन, माकपा के नेता एम वाई तारिगामी, अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुजफ्फर शाह आदि मौजूद थे।
उन्होंने बताया कि आठ चरणों में होने वाले चुनाव के शेष चरणों के लिए भी सीटों के बंटवारे को लेकर विचार-विमर्श जारी रहेगा।
उन्होंने बताया कि सीटों के बंटवारे की सूची को गठबंधन द्वारा मीडिया के साथ एक या दो दिन में साझा किये जाने की संभावना है।
इस बीच, बैठक के बाद अब्दुल्ला के आवास के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए जेकेपीसीसी के अध्यक्ष जी ए मीर ने कहा कि गठबंधन के सहयोगियों के बीच कोई मतभेद नहीं है क्योंकि हर कोई समझता है कि यह जम्मू और कश्मीर के लोगों के अधिकारों के लिए एक बड़ी लड़ाई का हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि रविवार की बैठक सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप देने के लिये आयोजित की गई थी।
जब उनसे पूछा गया कि क्या कांग्रेस केवल चुनावों के लिए गठबंधन में है या इसके बाद भी इसका हिस्सा रहेगी तो उन्होंने कहा, ‘‘ये चीजें बाद में आयेंगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह व्यावहारिक है कि चुनाव राजनीति का आधार है। हम एक एजेंडे के साथ चुनाव में जा रहे हैं और मुझे लगता है कि हमें पहले उस पर ध्यान देना चाहिए।
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